मेहनत से मुकाम पाने वाले मोदी भ्रष्टाचारियों के लिए महाकाल




हेमंत कुमार
मेहनत से मुकाम पाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज की युवा पीढ़ी के लिए एक आइकॉन है। गुजरात के एक सामान्य परिवार में जन्म लेने और गरीबी का जीवन गुजारने के बाद प्रधानमंत्री बनने तक के सफर में मोदी गरीबों के मसीहा साबित हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में देश के भ्रष्टाचारियों पर करारे प्रहार हुए हैं। भ्रष्टाचारी बौखलाए हुए हैं। जीवन के संघर्ष की तपिश में निखरे मोदी ने पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ाया है। बुद्धिकौशल और हाजिर जबावी के लिए विख्यात पीएम मोदी एक बार फिर लोकसभा चुनाव की अग्निपरीक्षा देने के लिए तैयार हैं। हालांकि मोदी को चुनाव में हराने के लिए तमाम राजनैतिक पार्टियां अपने मतभेद भुलाकर एक मंच पर आ खड़ी हुई है। लेकिन तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद मोदी के विजय रथ को रोकपाना इन राजनैतिक दलों के बस की बात नही है।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने देश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस को हराकर केंद्र की सत्ता हासिल की थी। भाजपा ने तीन बार के गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा किया और उनको प्रधानमंत्री बनाया। प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने देश में जनहित की कल्याणकारी योजनाओं से शुरूआत की। देश के युवा वर्ग को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई शानदार योजना लागू की। मोदी की कल्याणकारी योजनाओं का सफर शुरू हुआ तो अनवरत चलता रहा। लेकिन तमाम योजनाओं के बीच मोदी की सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि सभी योजनाओं में गरीबों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया। हां ये बात अलग है कि शासन-प्रशासन के स्तर पर इन योजनाओं का लाभ गरीबों को कितना मिल पाया। लेकिन मोदी की बात करें तो उन्होंने एक सामान्य परिवार के जीवन को सरल बनाने का पूरा प्रयास किया। युवाओं को कारोबार के लिए सस्ती ब्जाय दरों पर मुद्रा योजना लोन से लेकर गरीबों के घर में गैस सिलेंडर तक भिजवा दिया। हद तो तब हो गई जब अटल आयुष्मान योजना से गरीब परिवारों को पांच लाख तक के इलाज की सुविधा की व्यवस्था भी कर दी गई। भारत के एक साधारण परिवार को इससे अधिक कुछ चाहिए भी नही होता है। वही दूसरी ओर भ्रष्टाचारियों की बात करें तो जीएसटी लागू कर उनकी कमर तोड़ दी गई। नोटबंदी लागू कर उनके कालेधन पर रोक लगाई। प्रॉपर्टी के दाम विगत पांच सालों से स्थिर है। हां कुछ स्थानों पर जमीनों के दाम कम जरूर हुए है। नरेंद्र मोदी भले ही भ्रष्टाचारियों को एक आंख ना सुहाते हो लेकिन एक आम आदमी के लिए प्रधानमंत्री वो सबकुछ दिया है, जिसकी उन्हें जरूरत है। विपक्षी पार्टियों का कार्य सरकार की आलोचना करना है और करनी भी चाहिए। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी लकीर जरूर खड़ी कर दी है। जिसको छोटा करना किसी भी पार्टी के बस की बात फिलहाल तो नही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात करें तो वो एक गरीब घर से केंद्र की सत्ता तक पहुंचे है। उन्होंने गरीबी के दिनों को जीया और महसूस किया है। गरीबी के दिनों के जो अनुभव उनको मिले वह भूले नही है। गरीबी के तिलिस्म को तोड़ना आसान भी नही है। अक्सर अपने भाषणों के दौरान नरेंद्र मोदी गरीबी का जिक्र भी कर देते है। मोदी की बातों में जो उत्साह दिखाई देता है। वह इस बात को जाहिर करता है कि गरीबी के दिनों का अनुभव उनको लगातार मानसिक तौर पर मजबूत कर रहा है। वक्त के साथ-साथ नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व में भी लगातार निखार आ रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि निखरती जा रही है। आज देश जिस मोड़ पर आकर खड़ा है। उसको ऐसे ही सशक्त प्रधानमंत्री की जरूरत भी है। जो देश के भ्रष्टाचारियों की संपत्ति को सरकारी खजाने में शामिल कर गरीबों के विकास कार्यो में लगाए।



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