नवीन चौहान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आने लगी है। चीन की घिनौनी करतूत के मंसूबों को फेल करने में जुटी मोदी सरकार ने सुनयोजित तरीके से रणनीति बनाकर कार्य किया। सोशल डिस्टेंसिंग के फार्मूले को अपनाते हुए देश में लॉक डाउन करने के लिए जनता का सहयोग लिया। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं में सफल होती दिखी लेकिन तभी निजामुददीन मरकज में तब्लीगी जमात में कोरोना संक्रमित लोगों ने घृणित कार्य कर केंद्र सरकार की मुश्किले बढ़ा दी। इन जमातियों ने पूरे देश में कोरोना के संक्रमण से जनता को संक्रमित करने का कार्य किया। अगर उत्तराखंड में हरिद्वार की बात करें तो यहां 8 अप्रैल तक 33 कोरोना पॉजीटिव केस पाए गए है। इनमें काफी संख्या जमातियों के कोरोना संक्रमित होने की है। ऐसे में जहां केंद्र सरकार को जमातियों पर काबू पाना होगा वही देश की जनता को सुरक्षित बचाए रखने के लिए लॉक डाउन की अवधि को बढ़ाने पर विचार करना होगा। हालांकि केंद्र सरकार लॉक डाउन की आगामी रणनीति को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से प्रस्ताव ले रही है। उत्तराखंड केबिनेट ने लॉक डाउन को जनता के हित में मानते हुए इसे बढ़ाने की संस्तुति कर केंद्र सरकार को भेज दी है। ऐसे में केंद्र सरकार क्या फैसला लेगी ये बाद में ही साफ हो पायेगा।
बताते चले कि मरकज तब्लीकी जमात में शामिल जमातियों ने जहां पूरे देश को कोरोना संक्रमण की चपेट में घेरने की तैयारी की। केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद जमातियों ने प्रशासन का कोई सहयोग नही किया। जिसका नतीजा ये रहा कि कोरोना का संक्रमण फैलता चला गया। एकाएक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा। केंद्र सरकार के बाद देश की तमाम राज्य सरकार परेशान होने लगी। जमातियों की धर—पकड़ के प्रयास तेज किए गए। लेकिन तब तक ये जमाती सरकार की मुश्किलों को बढ़ाने का कार्य कर चुके थे। ऐसे में जब देश में करीब पांच हजार कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा पहुंच गया है तो निश्चित तौर पर सरकार की नींद उड़ना तय है। हम उत्तराखंड की बात करें जो यहां त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लॉक डाउन की अवधि में बेहतर योजना के तहत कार्य कर कोरोना का ग्राफ बढ़ने नही दिया। सरकार ने तमाम जनपदों के प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी तरह से मुस्तैद रखा। वही जमातियों पर भी नजर बनाकर रखने के निर्देश दिए। जमातियों की घेराबंदी की गई। जिसके बाद नतीजे चौंकाने वाले रहे। 8 अप्रैल 2020 तक उत्तराखंड में सर्वाधिक 18 कोरोना के मरीज राजधानी देहरादून में उसके बाद 6 मरीज नैनीताल,4 मरीज उधमसिंह नगर, 3 हरिद्वार, जबकि एक नैनीताल और एक अल्मोड़ा में क्वारंटीन है। इन सभी का इलाज चल रहा है। लेकिन इन मरीजों के संपर्क आए लोगों की रिपोर्ट लैब में गई हुई है। ऐसे में निश्चित तौर पर मरीजों की संख्या में बढ़ने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता है। इन हालातों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जनहित में एक बेहद सख्त कदम उठाना होगा। ताकि उत्तराखंड की जनता को कोरोना के संक्रमण की चपेट में आने से बचाया जा सकें।