मोदी जी गरीबों पर देते ध्यान तो वोट के लिये ना होते परेशान, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान,

हरिद्वार।  Prime Minister Narendra Modi की केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने पर उपलब्धियों का ढिढोरा पीट रही हो लेकिन जमीनी हकीकत पर नजर डाले तो भारत के आम आदमी की मुश्किले बढ़ी है। देश के मध्यमवर्गीय परिवार पूरी तरह से संकट में है। नोटबंदी से जनता को कोई लाभ नहीं हुआ। जीएसटी के कारण कई कारोबार बंद हो गये। Prime Minister Narendra Modi की मुद्रा योजना से गरीबो को ऋण नहीं मिला। देश में भ्रष्टाचार जस का तस है। ऐसे में संपर्क फाॅर समर्थन के लिये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह संतों के आश्रमों में पहुंच रहे है। यदि वास्तव में मोदी सरकार ने गरीबों की सुध ली होती तो सरकार को यू संपर्क फाॅर समर्थन की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि अभी मोदी सरकार को एक साल बाकी है। इस दौरान आपको गरीबों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिये अच्छे कदम उठाने होंगे।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में Prime Minister Narendra Modi ने अच्छे दिनों का हवाला देकर भारत की जनता को आकर्षित किया। देश की जनता ने Narendra Modi के चुनावी वायदों पर भरोसा कर दिल खोलकर वोट दिया। केंद्र में भाजपा की सरकार बनी ओर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर Narendra Modi काबिज हो गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग बनाया और गरीबों का मसीहा बनने का प्रयास किया। मुद्रा योजना, पीएमकेबाईसी योजना, युवाओं को स्वावलंबी बनाने की कई योजनाये लागू की गई। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिये मुफ्त गैस कनेक्शन दिये गये। पीएम मोदी की इनत माम योजनाओं का जिनता लाभ जनता को मिलना चाहिये था उतना नहीं मिल पाया। बैंकों ने मुद्रा योजना के ऋण मंजूर नहीं किये। देश में बेरोजगारी बढ़ती चली गई। युवाओं को आकर्षित करने की पीएम मोदी की योजना फेल हो गई। युवा वर्ग भाजपा से छिटकने लगा। नतीजा ये रहा कि देश में होने वाले उप चुनावों में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी को चिंता सताने लगी। वक्त बीतता चला गया और केंद्र सरकार के चार साल पूरे हो गये। साल 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ गये। मोदी सरकार को एक बार फिर जनता के बीच वोट लेने के लिये आना है। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने संपर्क फाॅर समर्थन मुहिम शुरू की। भाजपा के तमाम कद्दावर नेता जनता के बीच में पहुंचने लगे है। हालांकि कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व का लाभ भाजपा के पक्ष में है। Congress President Rahul Gandhi पीएम नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली व्यक्तित्व के सामने कहीं नहीं टिकते है। लेकिन फिर भी केंद्र की सत्ता में बने रहने के लिये पीएम मोदी और Amit Shah को गरीबों की सुध लेनी होगी।



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