नोएडा। डाक्टरों ने तीन ऐसे नवजातों की जान बचाई है, जिनका वजन जन्म के समय सामान्य से काफी कम था। फोर्टिस अस्पताल के बाल विभाग के निदेशक डॉ. के. रामालिगम और नियोनेटोलॉजी विभाग में सलाहकार डॉ. पीयूष चंदेल की अगुआई वाली चिकित्सकों की एक टीम ने नवजात बच्ची जन्नत (वजन 54० ग्राम) और जुड़वां-नवजात बच्चा अहम (75० ग्राम) व बच्ची निष्का (77० ग्राम) को बेहद सावधानी पूर्वक, गहन एवं जटिल उपचार प्रदान कर जान बजाई। नवजात बच्ची जन्नत का समय पूर्व जन्म मां की गर्भावस्था के 29 सप्ताह के अंदर ही 22 मार्च, 2०17 को हुआ था। बच्ची की मां अर्चना ओलिगो हाइड्रामिनोेस (गर्भाशय में तरल का कम होना) से पीड़ित थीं। बच्ची का जन्म गर्भाशय के अंदर गंभीर अवरुद्ध विकास के साथ हुआ था और जन्म के समय उसका वजन महज 54० ग्राम था। बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा गया और फिर उसे कुछ हफ्तों तक सीपीएपी (सहज तरीके से सांस लेने में मदद करने वाली प्रणाली) सपोर्ट पर रहने दिया गया। वह काफी कमजोर थी और उसकी सांस भी धीमी थी क्योंकि उसने सभी बाधाओं के खिलाफ जिदा रहने के लिए संघर्ष किया था। चिकित्सकों ने उसके विकास मे मदद के लिए मुंह की बजाय शरीर के दूसरे हिस्से से पोषण की आपूर्ति की और साथ ही मां का दूध ऑरे-गैस्ट्रिक ट्यूब के माध्यम से उसे दिया गया। इस उपचार से बच्ची में सकारात्मक सुधारआया और 12 मई, 2०17 को जब उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया तब उसका वजन 1.7 किलो था।