किडनी चोरी का मास्टर माइंड डॉक्टर अमित पुलिस के हत्थे चढ़ा




आनंद गोस्वामी, देहरादून। किडनी चोरी के धंधे को अंजाम देने वाला मास्टर माइंड चिकित्सक अमित कुमार चंडीगढ़ के पंचकुला से पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। अमित के साथ ही पुलिस ने डॉ जीवन, नर्स सरला और चालक बिल्लू को भी दबोच लिया है। सभी आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। आरोपियों के पास से करीब 34 लाख की नकदी और वीएमडब्लू व मरस्डीज कार सहित मोबाइल फोन आईपैड व तमाम चीजे बरामद की गई है। पुलिस आरोपियो से पूछताछ करने में लगी है।
देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने प्रेस वार्ता कर आरोपी चिकित्सक की गिरफ्तारी का खुलासा किया। बताया कि 11 सितंबर को पुलिस को उत्तराचंल डेंटल कॉलेज के परिसर में स्थित गंगोत्री चेरिटेबल ट्रस्ट में किडनी का अवैध कारोबार संचालित करने की सूचना मिली थी। सूचना पर पुलिस ने अस्पताल में छापा मारा तथा वाहनों की चेकिंग कराना शुरू कर दी। सप्तऋषि चौकी के पास से एक इनोवा वाहन में चालक व चार लोगों जिसमें भावजी भाई, शेख ताज अली, सुषमा बैनर्जी औरकृष्ण दास मिले। जबकि किडनी बेचने का धंधा करने वाला दलाल जावेद वाहन से कूदकर भाग निकला। जावेद को पुलिस ने पीछा करके गिरफ्तार किया था। घटना के संबंध में मुकदमा दर्ज कर जावेद से पूछताछ की गई। जावेद ने डॉ अमित, डॉ अक्षय, डॉ संजय दास, राजीव चौधरी, चंदना गुडियाआदि के नामों का खुलासा किया। पुलिस तभी से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये दबिश दे रही थी। पुलिस की कई टीमों हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ समेत कई राज्यों में रवाना की गई थी। पुलिस ने सर्च वारंट लेकर आरोपी राजीव चौधरी के घर को खंगाला। जहां से आरोपियों के नेचरबिला में रुकने का पता चला। विवेचना में अनुपमा, नसीम,प्रदीप उर्फ बिल्लू, सरला और अभिषेक के शामिल होने का पता चला। 14 सितंबर को एएसपी लोकेश्वर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम आरोपियों को दिल्ली, पानीपत, चंडीगढ तलाश करते हुये पंचकुला पहुंची। जहां से पुलिस को सफलता मिली। पुलिस ने दो मरसडीज कार एक वीएमडब्लू कार व 33 लाख 73 हजार की नकदी व छह मोबाइल फोन बरामद किये।
सिस्टम से चलता था किडनी चोरी का धंधा
किडनी चोरी का धंधा पूरे व्यवस्थित तरीके से संचालित होता था। आरोपी डॉक्टर अमित ने सभी लोगों के हिस्से का काम बांटा हुआ था। गंगोत्री अस्पताल का मैंनेजमेंट राजीव चौधरी व उनकी पत्नी अनुपमा देखते थे। जबकि अमित खुद आप्रेशन करता था। ओटी में अस्पताल का पूरा स्टाफ रहता था। दलालों की मदद से डोनर व ग्राहकों को लाया जाता था। जिनके लाने और छोड़ने की व्यवस्था की जाती थी। पूछताछ में पता चला कि मुंबई, गुंटूर, आंध्र प्रदेश, आनंद गुजरात राज्यों में मुकदमे दर्ज है। सीबीआई और ईडी में भी मुकदमे दर्ज है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
डॉ अमित कुमार, डॉ जीवन,नर्स सरला औरचालक प्रदीप उर्फ बिल्लू
आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
एएसपी-सीओ लोकेश्वर सिंह, एसएसआई थाना डोईवाला मनोज रावत, थाना प्रभारी रानी पोखरी धर्मेद्र रौतेला, दारोगा पीडी भट्ट,दारोगा बृजपाल सिंह चौकी प्रभारी हर्रावाला, एसआई भुवन चंद्र पुजारी, चौकी प्रभारी लालतप्पड़, एसआई मंजुल रावत, चौकी प्रभारी जौलीग्रांट, एसआई दिनेश सिंह सती, एसआई योगेश कुमार, एसआई दीपक सिंह पंवार, एसएसआई विनीता बेलवाल, हेड कांस्टेबल राजकुमार, कांस्टेबल सोबन सिंह, अनिल कुमार, शमीम अहमद, राजीव कुमार, भूपेंद्र सिंह,रविंद्र टम्टा, मंदीप सिंह,विनोद कुमार, मोनू मलिक, आनंद कुमार, नवनीत सिंह, एसओजी प्रमोद सिंह,एसओजी अमित कुमार, आशीष शर्मा, आशीष नैनवाल,तारावती और सीमा शामिल रहे।



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