नेता जी का मुरीद था पूरा जापानः जेके अग्रवाल




संजीव शर्मा
मेरठ। नेताजी का मुरीद पूरा जापान था। जितने भी अनुयायी थे वह नेताजी का ही स्वरूप थे। उनके प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके कहने पर दो लाख लोगों ने अंग्रेजी फौज की नौकरी छोडकर आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए थे। हिटलर भी उनकी बात का लोहा मानता था। 1939 में उनका राजनैतिक सफर खत्म हो गया था। यह बात नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज का योगदान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान मुख्य वक्ता जेके अग्रवाल ने कही।


जेके अग्रवाल ने नेताजी के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वह बचपन से ही आजादी को लेकर उत्साहित थे। पूर्व प्रचार्य डाॅ0 सुमंगल प्रकाश ने कहा कि नेताजी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। भारत की स्वतंत्रता में नेताजी का विशेष योगदान था। महात्मा गांधी और नेताजी के बीच मतभेद था ऐसा कहा जाता है लेकिन ऐसा नहीं था, क्योंकि दोनों का उददेश्य एक ही था वह था आजादी। हां इतना जरूर था कि दोनों के तरीके अलग-अलग थे। वरिष्ठ पत्रकार अजय मित्तल ने कहा कि 1939 में जब उन्होंने कांग्रेस छोडी तो उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी का मार्ग अपनाना होगा। उन्होंने अग्रेंजों को छह महीने का अल्टीमेटम देते हुए भारत छोड़ने को कहा था। कांग्रेस के नेताओं से उनके मतभेद रहते थे इसीलिए उन्होंने कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद, स्वामी अरविंद घोष और राजगोपाला चार्य का नेताजी पर विशेष प्रभाव था।

नेताजी का शौर्य अनेक स्थानों पर देखने का मिलता है। वह भारत की आजादी के बहुत बडे नायक थे। अंग्रेजों का भारत छोडने की बहुत बडी वजह आजाद हिंद फौज थी। उनके जीवन से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति प्रो0 नरेंद्र कुमार तनेजा ने कहा कि शोध का कार्य केवल शिक्षक और विधार्थी ही नहीं करते बल्कि और भी लोग करते हैं। गंभीर अध्ययन का विषय है कि हम लोगों को जो इतिहास पढाया जाता है उसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिंद फौज को विशेष स्थान नहीं मिला। उन्होंने देश के लिए कितना त्याग और बलिदान दिया। बिट्रीश फौज की नौकरी छोडकर दो लाख लोगों ने आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। आज जो जानकारी हम लोगों को मिली है उस पर शोध किया जा सकता है।

प्रति कुलपति साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रो0 वाई विमला ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन डाॅ0 शुचि गुप्ता ने किया। इस दौरान रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा, चीफ प्राॅक्टर प्रो0 वीरपाल, प्रो0 पीके मिश्रा, प्रो0 अजय विजय कौर, प्रो0 विध्नेश कुमार त्यागी, प्रो0 आराध्ना गुप्ता, डाॅ0 जीनत जैदी, डाॅ0 अलका तिवारी, डाॅ0 विवेक कुमार त्यागी, डाॅ0 पूर्णिमा वशिष्ठ, डाॅ0 सुशील शर्मा, डा0 धनपाल, डाॅ0 पवन कुमार, डा0 महीपाल, डाॅ0 योगेश, डा0 विकास राठी, अपेक्षा चौधरी, अंजलि मित्तल, विकास, कालूराम आदि मौजूद रहे।



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