आकाश कुमार, मेरठ। मेरठ की नगर निगम बोर्ड बैठक में सोमवार को एक बार फिर वन्देमातरम को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नौबत पार्षदों के बीच आपस में हाथापाई तक आ गई। किसी तरह वहां मौजदू अधिकारियों ने स्थिति संभाली। बोर्ड बैठक में कोई विकास कार्य का प्रस्ताव पास नहीं हो सका। जिसके चलते पार्षदों को मायूसी हाथ लगी। बीजेपी और बीएसपी पार्षदों ने एक दूसरे पर हंगामा करने का आरोप लगाया है।
सोमवार को नगर निगम में पहली बोर्ड बैठक होनी थी, इस बैठक को परिचय बैठक का नाम दिया गया था। इस बैठक में सभी 90 पार्षद शामिल हुए, बोर्ड में सबसे अधिक बीजेपी के 36 पार्षद है जबकि 28 बीएसपी के हैं। सपा के दो पार्षद हैं। पार्षद पहली बोर्ड बैठक में अपने अपने इलाकों के विकास कार्यों के प्रपोजल लेकर गए थे, लेकिन जैसे ही बोर्ड बैठक शुरू हुई वैसे ही माइक पर फ़िल्मी वन्देमातरम बजाना शुरू हो गया, जिसको लेकर हंगामा शुरू हो गया, वन्देमातरम पर हंगामा होने पर वहां सदन में धार्मिक नारे भी गूंजने लगे।
हंगामा बढ़ता देख पुलिस अधिकारी सदन के अंदर आए और किसी तरह मामला शांत कराया। भाजपाइयों का आरोप है कि मेयर सुनीता वर्मा ने भाजपा के पार्षदों के प्रस्ताव नहीं सुने। इसे लेकर सदन में हंगामा हुआ। मेयर ने बीच में ही बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी और सदन से बाहर आ गई। उनके सदन से बाहर आने के बाद भी पार्षदों का हंगामा जारी रहा।