इंटरनेट कंपनियों की लूट—खसोट, ग्राहकों को चपत और कंपनियों की मौज




नवीन चौहान
अगर आप इंटरनेट यूजर्स है तो ये खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। इंटरनेट कंपनियां अपने उपभोक्ताओं की जेब में कई तरह से डाका डाल रही है। इंटरनेट की स्पीड कम होना, रेंज गायब हो जाना तो आम समस्या है। लेकिन बीच—बीच में इंटरनेट सर्विस ही बंद कर दी जाती है। लेकिन ठीक इसके उलट अगर ग्राहक बिल चुकाने में जरा सी भी देरी कर दें तो आपका इंटरनेट बंद करने में जरा भी देरी नही करते है। ऐसे में आप बिल भरने की बात कस्टमर केयर पर करेंगे तो वह आपको 15 मिनट की मोहलत देकर नेट चालू कर देंगा। कुल् मिलाकर कहा जाए तो इंटरनेट कंपनियां कई तरह से ग्राहकों की जेब में डालती है। पीड़ित कस्टमर भी उपभोक्ता फोरम में चक्कर काटने के चलते ​शिकायत करने से बचते है। ग्राहकों की इसी कमजोरी का फायदा इंटरनेट कंपनियां खूब उठा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजीटल इंडिया को बढ़ावा देने की कवायद शुरू की। इंटरनेट को घर—घर पहुंचाने के लिए निजी कंपनियों को छूट दी गई। देश के सभी कार्य आन लाइन करने की पहल भी की। सभी सरकारी फार्म,एडमिशन फार्म, पेमेंट भुगतान, रेल से लेकर प्लेन तक के टि​कट सभी आन लाइन बुक कराने की सुविधा की गई। गरीबों के लिए राशन कार्ड से लेकर पुलिस प्रशासन की एफआईआर तक आन लाइन कर दी गई। जनता को इंटरनेट की सुविधा सस्ती और बेहतर हो इसके लिए इंटरनेट कंपनियों को कर में छूट दी गई। लेकिन हद तो जब हो गई इन निजी कंपनियों ने मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका देते हुए उपभोक्ताओं को लूटना शुरू कर दिया। इंटरनेट कंपनियों ने सेवाओं में कमी करनी शुरू कर दी। अब आपको पूरी विस्तृत जानकारी देते है। हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में एक उपभोक्ता विकास ने   कंपनी से इंटरनेट की सर्विस ली। कंपनी की ओर से इंटरनेट लगा दिया गया। लेकिन आए दिन इंटरनेट सर्विस बाधित रही। 947 के मासिक प्लान देने के बाद एकाएक कंपनी ने 1417 रूपये का प्लान चालू कर दिया। इस बात का पता तब चला जब भुगतान नही होने के चलते 10 जून को इंटरनेट बंद कर दिया। ग्राहक विकास ने कस्टमर केयर पर बात की तो बिल की राशि जमा करने के लिए 15 मिनट इंटरनेट चालू करने की मोहलत दी गई। हालाकि 20 मिनट तक 947 के प्लान को लेकर विवाद चलता रहा। कस्टमर केयर पर बोलने वाली महिला ने बताया कि आपका प्लान 1417 का है और भुगतान कर दिया जायेगा तो इंटरनेट चालू हो जायेगा। आखिरकार विकास ने बिल का भुगतान कर दिया तो इंटरनेट चालू हो गया। लेकिन 11 जून की सुबह एक बार फिर इंटरनेट बंद पाया गया। जब एक बार फिर कस्टमर केयर से बात की तो पता चला कि इंटरनेट सर्विस तकनीकि खराबी के चलते 9 जून की रात्रि से बंद है। इस बार कस्टमर केयर ने बताया कि आपका ही नही सभी उपभोक्ताओं का इंटरनेट बंद है। जब विकास ने पूछा कि जितने घंटे सर्विस नही दी गई उतनी देर का बिल कम कर दिया जाए तो कंपनी की ओर से इंकार कर दिया गया। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि भारत में कंपनियों की लूट कब तक जारी रहेंगी। ​सेवाओं में कमी होने पर ग्राहकों को रिलीफ क्यो नही दिया जाता है। मोदी सरकार को इन इंटरनेट कंपनियों पर नजर बनाकर रखनी होगी। तभी देश आगे बढ़ेगा और मोदी सरकार पर विश्वास कायम होगा।

जीएसटी वसूल रही कंपनी
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड कंपनियां बिल की राशि में 18 फीसदी जीएसटी वसूल रही है। कर चुकाने के बाद भी ग्राहकों को सुविधा नही मिल पा रही है। इससे बड़ा धोखा सिर्फ भारत में ही संभव है। इन कंपनियों को कानून का कोई खौफ नही है।



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