तहसीलदार फील्ड में उतरे तो मैदान छोड़ भागे खनन माफिया




गगन नामदेव
खनन माफियाओं ने गंगा का सीना छलनी करने की पूरी तैयारी कर ली थी। खनन माफियाओं ने मैदान में फील्डिंग सजा दी गई। खनन सामग्री ढोने वाले करीब आधा दर्जन ट्रैक्टर ट्राली को लगा दिया गया। एंटी माइनिंग सेल की टीम से सेटिंग भी कर ली गई। लेकिन जब अवैध खनन होने की सूचना तहसीलदार आशीष घिल्डियाल को मिली तो वह तत्काल प्राइवेट वाहन लेकर फील्ड में उतर गए। तहसीलदार के खनन स्थल क्षेत्र में होने की सूचना खनन माफियाओं को लगी तो वह मैदान छोड़ भागे। उनके वाहनों के पहिए दो कदम आगे ना बढ़ सके। जिला प्रशासन की सजगता से खनन माफियाओं के मंसूबे नाकाम साबित हुए।
हरिद्वार में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद रहते है। खनन माफिया जिला प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ते है। जिला प्रशासन की प्रशासनिक व्यस्तता भी माफियाओं को खूब रास आती है। निचले स्तर के अधिकारियों की सेटिंग गेटिंग से गंगा का सीना छलनी करते रहते है। लेकिन हरिद्वार में तैनात कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी सी रविशंकर की ईमानदार कार्यशैली माफियाओं के मंसूबो को पूरी तरह से ध्वस्त करती रही है। डीएम सी रविशंकर की पैनी नजर जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ माफियाओं की तमाम हरकतों पर रहती है। इसी के चलते खनन माफियाओं की दाल नही गल पा रही है। लेकिन बीते रोज खनन माफियाओं ने भोगपुर क्षेत्र में अवैध खनन करने की तैयारी की। किसी ने अवैध खनन होने की सूचना तहसीलदार आशीष घिल्डियाल को दे दी। सूचना मिलते ही मध्य रात्रि करीब साढ़े 12 बजे तहसीलदार अपने विश्वसनीय प्रशासनिक अधिकारियों की टीम लेकर क्षेत्र में पहुंच गए। प्रशासनिक अधिकारियों की रैकी कर रहे खनन माफियाओं के गुर्गो ने इस बात की जानकारी अपने आंकाओ को दे दी। बस फिर क्या था। सभी खनन माफिया मैदान से गायब हो गए। तहसीलदार बैरंग आ गए। उनको कोई वाहन नही मिला। लेकिन तहसीलदार की मुस्तैदी के चलते लाखों रूपये की खनन सामग्री चोरी होने से बच गई।



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