महंत रविंद्र पुरी को ब्लैकमेल करने वाली मास्टर माइंड का जिस्मफरोशी के धंधे से कनेक्शन




नवीन चौहान
निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी एवं दिंगबर राज गिरी को ब्लैकमेल करने वाली काजल पुरी खुद पुलिस के शिकंजे में फंस गई। आरोपी काजल पुरी ने ही ब्लैकमेलिंग का ताना बाना बुना था। संतों को ब्लैकमेल करने के लिए जिस नाबालिग का इस्तेमाल किया गया वह खुद पीड़िता रही और काजल पुरी के पिता और भाई की हवस का शिकार बन रही थी। नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने आरोपियों को गिरफ्तार कर संतों को ब्लैकमेल होने से बचाया वही एक नाबालिग को बंधनमुक्त कराया है। पुलिस ने प्रकरण की मास्टर माइंड काजल पुरी, उसके पिता प्रदीप अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि उसका भाई रणित अभी फरार है।
कनखल थाने में निरंजनी अखाड़े से जुडे संत दिंगबर राज गिरी ने मुकदमा दर्ज कर बताया था कि उनकी पहचान मंदिर के पुजारी दीपक पुरी की पत्नी काजल पुरी से हुई थी। आरोप था कि काजल पुरी ने उन्ही के ही अखाडे़ के एक संत को साजिश में फंसाने की बात कहीं। उन्होंने इन्कार कर दिया तो महिला ने उसके पीछे एक किशोरी को लगा दिया था। किशोरी ने उन्हें फंसाने का प्रयास किया।
मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने विवेचना कनखल पुलिस से हटाकर नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी को दे दी थी। कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने देहरादून के बाल गृह पहुंचकर किशोरी से गहनता से पूछताछ कर सच्चाई तक पहुंचने का प्रयास शुरू किया। किशोरी ने पुलिस को सच्चाई बयां कर दी। किशोरी ने बताया कि काजल पुरी का पिता तथा उसका भाई पीड़ित किशोरी से कई सालों से दुष्कर्म कर रहे थे।
विवेचनाधिकारी नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने आरोपी काजल पुरी और उसके पिता व भाई की तलाश शुरू कर दी। आखिरकार पुलिस को सफलता मिली और मास्टर माइंड काजल पुरी एवं उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि उसका भाई रणित पुलिस को नहीं मिल पाया। पुलिस ने बताया कि किशोरी के परिजनों ने लालन पालन के लिए काजल के सुपुर्द किया था। किशोरी तभी से परिवार के साथ रह रही थी। लेकिन इस किशोरी के बड़ा होते होते काजल के पिता और भाई की बुरी नियत किशोरी पर पड़ गई। जिसके बाद किशोरी से जबरन दुष्कर्म किया जाने लगा। लेकिन पुलिस ने इस प्रकरण का पर्दाफाश कर दिया। नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि काजल पुरी साल 2007 में जिस्म फरोशी का धंधा कराने के आरोप में गिरफ्तार होकर जेल गई थी। पुलिस इस प्रकरण में विवेचना कर रही है। लेकिन संतों को ब्लैकमेल करने का काजल पुरी का दांव उलटा पड़ गया।



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