छात्रवृत्ति घोटाले की जांच पूरी करेंगे मंजूनाथ टीसी




नवीन चौहान, हरिद्वार।
करीब पांच सौ करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले की जांच एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में ही जारी रहेगी। हाईकोर्ट ने नई गठित एसआईटी को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद घोटाले की इस जांच को एसआईटी की टीम के द्वारा तेजी से करने की उम्मीद भी बढ़ गई है।
उत्तराखंड में निजी शिक्षण संस्थानों ने एससी-एसटी के छात्रों के नाम पर सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि में करोड़ो का घोटाला किया गया था। छात्रों के नाम का दुरप्रयोग कर सरकार से मिलने वाली राशि को संस्थान संचालकों ने हजम कर लिया। इसके अलावा यूपी के जनपदों में रहने वाले छात्रों के एडमिशन उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों में दर्शाकर समाज कल्याण विभाग के माध्यम से छात्रवृत्ति की राशि में घोटाला किया गया। समाजसेवी और राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगराल ने इस घोटाले के संबंध में हाईकोर्ट में एकजनहित याचिका में जांच कराने की मांग की थी। इसी संबंध में सरकार की ओर से आईपीएस मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की गई। इस टीम की जांच में घोटाले की पुष्टि होने पर हरिद्वार के सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। एसआईटी की टीम इस प्रकरण की जांच करने में लगी थी। सरकार ने एकाएक एसआईटी की टीम बदल दी। हालांकि सरकार ने नई एसआईटी की टीम में आईजी संजय गुंज्याल को अध्यक्ष बनाया गया और मंजूनाथ का तबादला पुलिस कप्तान चमोली कर दिया गया। इसी केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार के निर्णय पर तल्ख टिप्पणी करते हुए सरकार के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने आदेश दिया कि मंजूनाथ हरिद्वार जनपद में ही रहकर इस जांच को करेंगे। बताते चले कि इस छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में कई सफेदपोशों के फंसने की भी संभावना है। सरकार की आंखों में धूल झोंककर निजी शिक्षण संस्थानों ने करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पी है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *