नवीन चौहान
लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट पर इस बार हवा का रूख भाजपा प्रत्याशी निशंक की ओर दिखाई पड़ रहा है। अभी तक के मौजूदा स्थिति में निशंक अन्य प्रत्याशियों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में है। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अंबरीष कुमार और बसपा प्रत्याशी अंतरिक्ष सैनी को कमजोर प्रत्याशी समझने की भूल निशंक को भारी पड़ सकती है। चुनावी रणकौशल में माहिर अंबरीश कुमार विपरीत परिस्थितियों में चुनाव पलटने का दम रखते है। हालांकि अंबरीश को चुनाव प्रचार के लिए बहुत ही कम समय मिला है। लेकिन उनके पास वफादार सिपहसालारों की टीम है। जो अंबरीश के साथ निस्वार्थ भाव से काम कर रहे है।
लोकसभा चुनाव सियारी रंग से सराबोर हो चुका है। घर-घर में लोग सियासी गुणाभाग कर रहे है। हरिद्वार सीट के समीकरण को लेकर चर्चा कर रहे है। जनता की माने तो शहरी क्षेत्र के शिक्षित वर्ग और ग्रामीण परिवेश के भोले भाले लोग भाजपा के निशंक की स्थिति को बेहतर मान रहे है। वह मोदी के पक्ष की हवा में निशंक की जीत के कयास लगा रहे है। लेकिन अगर वास्तविकता पर नजर डाले तो कांग्रेस प्रत्याशी अंबरीश कुमार सियासत के माहिर खिलाड़ी है। राजनैतिक अनुभव के मामले में वह निशंक से 21 है। लेकिन वक्त और परिस्थितियों ने अंबरीश को सियासत के मुकाम से महरूम ही रखा। लेकिन इस बार कांग्रेस हाईकमान ने अंबरीश कुमार पर एक बार फिर दांव लगाया है। अंबरीश किसी भी सूरत में इस स्वर्णित अवसर को गंवाना नही चाहेंगे। इस चुनाव में अंबरीश कुमार राजनैतिक कैरियर को ध्यान में रखते हुए पूरा दमखम दिखायेंगे। वही बसपा के अंतरिक्ष सैनी के पास पार्टी का कैडर वोट है। हालांकि राजनैतिक अनुभव के मामले में अंतरिक्ष सैनी भाजपा के निशंक और कांग्रेस के अंबरीश से काफी पीछे है। लेकिन सादगी के मामले के अंतरिक्ष सैनी का पलड़ा भारी है। यदि उनकी सादगी लोगों का दिल जीतने में कामयाब रही तो अंतरिक्ष सैनी चौंकाने वाले परिणाम दे सकते है। हालांकि मतदाता मौन है। और लोकतंत्र के मतदाता इन प्रत्याशियों के भाग्यविधाता है। फिलहाल प्रत्याशी अपने भाग्यविधाताओं की परिक्रमा करने में जुटे है।