मेरठ। भारतीय सेना में तैनात कर्नल विशाल अहलावत देशभक्ति का जोश स्टूडेंटस के दिलों में भर रहा है। कर्नल विशाल अहलावत केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने वाले स्टूडेंटस के बीच जाकर उनके साथ अपने अनुभव और रोमांच साझा कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने केंद्रीय विद्यालय डोगरा लाइंस में स्टूडेंटस के बीच पहुंच कर अपनी साहसिक यात्राओं के अनुभव साझा किए।
कर्नल विशाल अहलावत देश सेवा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि सेना में भर्ती होने का जज्बा दिलों में रखना चाहिए। कर्नल अहलावत ने बताया उन्होंने 22 मई 2016 को माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा फहराया। इस दौरान उनका आक्सीजन उपकरण खराब हो गया था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी थी।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में उनके साथ 10 महिला एनसीसी कैडेट ने भी हिस्सा लिया था। वापस लौटते समय एक अमेरिका का पर्वतारोही मिला जिसका आक्सीजन उपकरण काम नहीं कर रहा था और वह बर्फ फंसा था। बताया कि जब उनकी नजर उस पर पड़ी तो उन्होंने किसी तरह उसे बर्फ से बाहर निकाला और सुरक्षित नीचे कैंप तक लेकर आए। रास्ते में एक अन्य पर्वतारोही भी मिला, उसकी हालत भी खराब थी वह भी रास्ते से दूर था।
उसे भी किसी तरह बचाकर कैंप तक लाया गया लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बताया कि इस दौरान उनके स्वयं का खून भी जम गया था। बाद में उन्हें कैंप- 2 से हैलीकाप्टर से काठमांडू लाया गया था। उन्होंने बताया कि किसी एक देश की सर्वाधिक महिला पर्वतारोहियों द्वारा एवरेस्ट फतह करने पर लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड में दर्ज किया गया। लेह से कन्याकुमारी तक साइकिल से यात्रा कर इन्होंने 4249 किमी का सफर 18 दिन 17 घंटे और 35 मिनट में पूरा किया। यह रिकार्ड भी लिम्का बुक में दर्ज है।
कर्नल विशाल अहलावत ने अपनी पढ़ायी शहर के केंद्रीय विद्यालय डोगरा लाइंस, सिक्ख लाइंस और पंजाब लाइन से की। कर्नल विशाल अहलावत भारतीय सेना की ईएमई कोर के अधिकारी हैं। इस दौरान स्कूल के प्रिंसिपल अरविंद गौड, उप प्राचार्य आरएस वर्मा, डीपी राणा, सविता भार्गव आदि टीचर्स मौजूद रहे।