हरिद्वार। देश में जीएसटी लागू होने के बाद हरिद्वार का कारोबार धड़ाम से गिर गया है। पर्यटन से लेकर टैÑवल कारोबार की रौनक गायब है। बंगाली सीजन में हरिद्वार आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमीं आई है। तो होटल और टैक्सी कारोबारी परेशान है। वही प्रोपर्टी कारोबारी पूरी तरह से निराश है।
भारत सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेतली ने एक जुलाई को पूरे देश में जीएसटी लागू कर दिया। जीएसटी की दरों को चार श्रेणियों में रखा गया। 5 प्रतिशत,12,18 और 28 प्रतिशत की दरों से वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी लागू कर दी गई। जिसके बाद से पूरे देश में जीएसटी कानून को लेकर भरम की स्थिति बन गई। कारोबारी सीए और टैक्स के वकीलों से राय लेने लगे। कारोबारियों ने जीएसटी में रजिस्टेशन कराना शुरू कर दिया। इसी जीएसटी के धरातल पर आने के तीन महीने बाद कारोबारियों के चेहरों की रौनक पूरी तरह से गायब हो गई है। हरिद्वार की अगर बात करें तो तीर्थनगरी होने के कारण यहां का पूरा कारोबार पर्यटन पर केंद्रित है। होटल, रेस्टोरेंट और टैवल कारोबारी पर्यटकों के आने पर ही निर्भर रहते है। गत वर्षो की तुलना में इस साल पर्यटकों की संख्या में काफी कमीं आई है। स्थानीय बाजार की बात करें तो यहां खरीददारों की कमीं आई है। स्थानीय लोग जरुरत की वस्तुओं की खरीददारी कर रहे है। इन सबके अलावा प्रोपर्टी कारोबार पूरी तरह से थम गया है। मार्केट में पैसा निवेश करने वाले लोग नदारद है। व्यापारी नेता पुनीत गोयल ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से कपड़ा कारोबार में 50 प्रतिशत की कमीं आई है। ग्राहक खरीददारी करने के इच्छुक नहीं है।