वरिष्ठ पत्रकार चेतन गुरंग ने खोली आबकारी के छुटके मंझले की पोल




चेतन गुरंग
शराब की दुनिया का मायाजाल ऐसा कि घोटाले भी त्राहि माम-त्राहि माम बोले। ज्यादातर चीज तो समझ में ही नहीं आती। लोगों के खेल भी इसमें एक नहीं अनेक..क्या-क्या तो समझे..क्या-क्या तो खोजे..मंत्री-नौकरशाहों को भी क्या दोष दें..उनको ही पता नहीं होता..इतना घना जाल है..खेल-साजिश-भ्रष्टाचार का..जो समझदार-ईमानदार मंत्री-नौकरशाह..वे कुछ लेट समझते हैं..जिनको सिर्फ माल से मतलब..वे समझना ही नहीं चाहते..उनको नाराजगी तभी होती..जब उनका हक़ वक्त पर नहीं मिलता..या फिर कम..कई खेलों में एक बताता हूँ..पहले कभी नहीं बताया..छुटके लोग कई दुकानों की कीमत बहुत ज्यादा तय कर देते हैं..वे उठती नहीं..फिर नहीं उठी बोल के एकदम कम कर देते हैं..15 फ़ीसदी तक कीम ले आते..फिर सरकार से मंजूरी ले ली जाती..नहीं 40 फ़ीसदी से कम न बेचीं जेया दुकानें..झट से अपने चेलों को दे दी जाती हैं..ये दुकानें..अब क्या होता..देखिये..जो दुकान बिक्री और कमाई नहीं बोल के सस्ती लुटा दी जाती..वह अपने अधिभार (टैक्स या मिनिमम गारंटी मान लीजिये) के बराबर की शराब 15 दिनों में बेच के फारिग…हकीकत ये कि दुकान मुनाफे अली होती हैं…फिर सरकार से और माल उठाया जाता है..तय माल खत्म बोल के..अब इसमें भी खेल!..तय माल से ज्यादा खरीदने पर सरकार प्रोत्साहन स्कीम देती है..जैसे 70 रूपये का पव्वा..40 रूपये में ही…अब देखो कितना मुनाफा!एक तो दुकान कौड़ी के भाव ली..दूजा माल भी सस्ता उठाया…अब सरकार ने 2019 की पॉलिसी में देखो क्या कर दिया..ऐसी ही दुकानों को उनके मौजूदा मालिकों को फिर सौंप डाला..सिर्फ 20 फ़ीसदी ज्यादा राजस्व दे के..भाई जो दूकान 125 रूपये की हो..वह सिर्फ 48 रूपये में बिना कुछ किए रखने को मिल रही..तो कोई पागल ही होगा..जो मना कर देगा…हरिद्वार में तो ये खेल कमाल का चल रहा..डीईओ का तो सरकार जहरीले शराब पी के हुई 14 मौतों के बावजूद कुछ नहीं बिगाड़ पाई..आबकारी मंत्री प्रकाश पन्त बता रहे थे-कारण बताओ नोटिस जारी किया है..बस!..कहानी ये कि जो मंझला महकमे-उत्तराखंड को तबाह कर रहा..उसका ही खासमखास चेला है…ये छुटका भी..मीडिया के भाई तक मैनेज हैं…देख लेना..कहीं खबर छपे कल..इस पर..स्पेशल स्टोरी तो भूल जाइए…डीएम से ले के मुख्यमंत्री तक को खेल-साजिश का अंदाज ही नहीं..बीच वालों के नाम क्या लूं..जिम्मेदार तो सभी हैं…पता नहीं चला कहके काम थोड़ी चलता..तो यारों अरबों का चूना सरकारी खजाने को हर साल लगता है..पूरे प्रदेश में ये खेल हर जिले में…दुकानों से अपना हिस्सा..मोटा वाला तो ले ही लेते हैं..ईमानदारी से मिल जाता है ये..अपने कई करीबी भी इस धंधे में टांग डाले हुए हैं..खेल अपन से तो नहीं छिपा..खैर अभी बहुत है..लिखने को..पढ़ते रहिये पोस्ट मेरी..रोज नया मिलेगा..जिल्ले ईलाही भी पढ़ते-कार्रवाई का हौसला दिखाते..मजा आ जाता..कसम से..बाबा केदार की..#CM@Trivendra Singh Rawat@Prakash Pant#Excise Minister#Anand Bardhan#PS (Excise)@Deependra Kumar Chaudhari#Excise commissioner



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