नवीन चौहान
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने तमाम साक्ष्य जुटाने के बाद हरिद्वार से एक निजी कॉलेज के डायरेक्टर की गिरफ्तारी कर ली है। जबकि कॉलेज का संचालक फरार होने में कामयाब रहा। आरोपी अंकुर शर्मा इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीय, बेडपुर, रूड़की जनपद हरिद्वार का एसोसियेट डायरेक्टर था। आरोपी अंकुर शर्मा की गिरफ्तारी के बाद निजी कॉलेजों में हड़कंप मच गया है। जबकि एसआईटी के निशाने पर कई कॉलेज है।
उत्तराखंड में स्ववित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों ने एससी-एसटी छात्र-छात्राओं के फर्जी तरीके से एडमिशन दिखाकर समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली छात्रवृत्ति की करोड़ों की धनराशि का गबन किया था। इस प्रकरण में उत्तराखंड सरकार ने आईपीएस मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की थी। एसआईटी की जांच रिपोर्ट में धोखाधड़ी की पुष्टि होने पर सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद इस मुकदमे की विवेचना निरीक्षक कमल कुुमार लुंठी को दी गई। विवेचनाधिकारी कमल कुमार लंुठी ने समाज कल्याण विभाग से इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीय, बेडपुर, रूड़की जनपद हरिद्वार की साल 2014-15 और 2015-16 की छात्रवृत्ति संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल की गई। विवेचना में पाया गया कि एससी-एसटी के 2032 छात्र-छात्राओं की करीब 6 करोड़ 28 लाख 94 हजार 750 रूपये की धनराशि का गबन किया गया है। उक्त छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों के गलत फोन नंबर और एडमिशन दर्शाये गए है। जब इस प्रकरण में इस्टीटयूट के एमडी अंकुर शर्मा को इन विद्यार्थियों के दस्तावेज दिखाने को कहा गया तो वह कोई रिकार्ड नहीं दे पाया। जिसके बाद आरोपी एमडी अंकुर शर्मा पुत्र दीन दयाल शर्मा निवासी ईदगाह , प्रकाश नगर थाना कैंट देहरादून को संस्थान का अभिलेख उपलब्ध कराने का नोटिस दिया गया। लेकिन उसके बाद भी अंकुर शर्मा अपनी बेगुनाही का कोई साक्ष्य नहीं दे पाया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी अंकुर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि संचालक विवेक शर्मा पुत्र दीनदयाल शर्मा निवासी ईदगाह प्रकाश नगर थाना कैंट की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है। आईपीएस मंजूनाथ टीसी ने आरोपी अंकुर शर्मा की गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है।