कोरोना को लेकर मन की बात में पीएम ने कही ये बड़ी बातें, गरीबों से हाथ जोड़कर मांगी माफी




नवीन चौहान
कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस बार मन की बात कार्यक्रम में उन्होने कोविड-19 की वजह से देश में उपजी परिस्थितियों को लेकर अपनी बात रखी।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर देश को संबोधित किया।
  • उन्होंने देशवासियों को हुई असुविधा, कठिनाई के लिए माफी मांगी।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं लेकिन भारत को इस वायरस से जीतने के लिए ये कदम उठाने जरूरी थे।
  • इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे।
  • अगर आप 21 दिनों के लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा।
  • प्रधानमंत्री ने कुछ डॉक्टरों से भी बात की और उनकी सराहना की।
  • उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों को रीयल लाइफ हीरो बताया।
  • अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उन कोरोना संदिग्धों और पीड़ितों के साथ लोगों द्वारा किए जाने वाले भेदभाद पर खेद जताया।
  • उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक दूरी को कम करना है और भावनात्मक दूरी को घटाना है।
  • इस लड़ाई के योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं, बल्कि बाहर रहकर वायरस का मुकाबला कर रहे हैं, फ्रंट लाइन सोल्जर, नर्सेज, डॉक्टर, पैरा-मेडिकल स्टाफ, ऐसे साथी, जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
  • साथियो जैसा कि राम ने बताया कि उन्होंने हर उस निर्देश का पालन किया जो इनको कोरोना की आशंका होने के बाद डॉक्टरों ने दिए, इसी का परिणाम है कि आज वो स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं।
  • कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है।
  • ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम इसलिए लोगों को, इसे खत्म करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना होगा।
  • अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 वायरस के कारण सर्वाधिक 453 मौतें हुई।
  • दुनिया का अनुभव बताता है कि इस बीमारी से संक्रमित व्यक्तियों कि संख्या अचानक बढती है।
  • अचानक होने वाली इस वृद्धि की वजह से विदेशों में हमने अच्छे से अच्छे स्वास्थ्य सेवा को जवाब देते हुए देखा है।
  • साथियों, हम मेडिकल स्तर पर इस महामारी से कैसे निपट रहे हैं इसके अनुभव जानने के लिए मैंने कुछ डाक्टरों से बात की जो इस लड़ाई में पहली पंक्ति में मोर्चा संभाले हुए हैं।
  • रोजमर्रा की उनकी गतिविधि इन्हीं मरीजों के साथ पड़ती है।


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