कोरोना के आगोश में जाने से बचना है तो घर में बैठ जाओ, पड़ोसी से चुगली बंद




नवीन चौहान
भारत संकट के मुहाने पर खड़ा है। कोरोना वायरस अपने आगोश में लेने के तैयार बैठा है। ऐसे संकट के वक्त में खुद को बचाने का सबसे बेहतर विकल्प घर में बैठना है। घर से बाहर निकलकर पड़ोसी से बतियाना नही है। पड़ोसी से किसी दूसरे की चुगली भी नही करनी है। मुंह बंद रखोंगे तो जिंदगी मिलेगी। अन्यथा कोरोना के प्रकोप से बचाना सरकार और चिकित्सकों के बस की बात नही है। इस खबर को सलाह भी समझे और चेतावनी भी। लेकिन ये खबर आपके जीवन को सुरक्षित बचाने के लिए है।
भारत में कोरोना दूसरी स्टेज से तीसरी स्टेज में आने के तैयार बैठा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सजगता के चलते कोरोना को रोकने के बेहतर प्रयास शुरू कर दिए गए। पीएम मोदी ने कोरोना के प्रकोप से बचने का सबसे बेहतर तरीका सोशल डिस्टेस बताया। जन मानस को घरों में बंद रहने की सलाह दी। हालांकि ऐसा करने में जनता को कोई अधिक प्रयास भी नही करने है। बस घर रहना है और आराम करना है। लेकिन अब दूसरी बात करते है। भारत के नागरिकों के स्वभाव की। भारत के लोगों को एक दूसरी बीमारी भी है। वो बीमारी चुगली करने की है। खूब बातें की। दूसरे की निंदा करने की। दूसरों की कमियां खोजने की। पड़ोसी किस हाल में ये जानने की। लेकिन ये वक्त चुगली करने का नही है। सिर्फ मुंह बंद रखने का है। पड़ोसी से दूरी बनाकर रखने का है। जिनती दूरी बनाओंगे उतना ही अपने को सुरक्षित समझो। हम ऐसा इसलिए लिख रहे है ​क्योकि देर शाम को तमाम घरों की महिलाएं और पुरूष गप्पे—हांकने के लिए घरों से बाहर निकलकर आ रहे है। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का भी पालन नही कर रहे है। जिसके चलते कोरोना के प्रभाव से संक्रमित होने का खतरा बरकरार है। सभी जन मानस से न्यूज 127 हाथ जोड़कर प्रार्थना करता है कि गप्पे हांकने का कार्य कुछ म​हीनों के लिए बंद कर दो और अपने घरों में बैठ जाओ। सरकार और प्रशासन के लिए मुसीबत के हालात पैदा मत करो। जीवन सुरक्षित रहेगा तो चुगली करते रहना। जिंदगी बचेगी तो चुगली करने का बहुत मौका मिलेगा।



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