देहरादून। गंगोत्री-यमुनोत्री घुमाने के बहाने यूपी के बदायूं से अपनी पत्नी को उत्तराखंड के मसूरी में
लाकर हत्या करने के आरोप में कोर्ट ने पति को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। दोषी पति को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश चतुर्थ शंकर राज की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आजीवन कारावास के अलावा अदालत ने दोषी पर डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया है, अर्थदंड में से सवा लाख रुपये मृतक महिला के पिता को दिए जाने का आदेश दिया है। जुर्माना अदा न करने पर स्थिति में दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
पत्नी को मसूरी लाया था घुमाने
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने अदालत को बताया कि 8 अक्टूबर 2011 को सचिन मिश्रा पुत्र सुधीर मिश्रा निवासी विसौली मोहल्ला ठकुरान बदायूं (उत्तर प्रदेश) पत्नी कमलेश उर्फ कनक को गंगोत्री-यमुनोत्री घुमाने के बहाने उत्तराखंड लेकर आया। सचिन ने मसूरी पहुंच कर यहां एक होटल का कमरा किराये पर लिया। यहां सचिन अपनी पत्नी कमलेश उर्फ कनक के साथ घूमा, उसने स्टूडियो में फोटो भी खिंचवाई। 13 अक्टूबर 2011 को सचिन पत्नी कनक को लेकर गनहिल के पास गया। वहां जंगल में घूमते समय सचिन ने योजना के तहत अपनी पत्नी कनक के सिर पर पत्थर से कई वार किए, जब कनक मर गई तो उसके शव को गहरी खाई में फेंक दिया।
ऋषिकेश पहुंच कर गंगा में बहने का मचाया शोर
उसके बाद सचिन मसूरी से ऋषिकेश पहुंचा। यहां गंगा के किनारे उसने शोर मचा दिया कि उसकी पत्नी गंगा में बह गई है। पुलिस को सूचना मिली तो काफी देर तक शव की तलाश की, लेकिन कुछ नहीं मिला। पुलिस ने जब ऋषिकेश में लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया तो पता चला कि सचिन तो यहां अकेले ही आया था। पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने कनक की हत्या की शव को गनहिल के पास खाई में फेंकने की बात कबूली।
पुलिस ने मसूरी से किया था शव बरामद
उसकी निशानदेही पर अगले दिन मसूरी पुलिस ने कनक का शव बरामद कर लिया। हत्या की पुष्टि होने के बाद कनक के पिता उमेश चंद्र शर्मा ने सचिन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से बारह गवाह पेश हुए। गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने सचिन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।