हरिद्वार के बाजार खुले लेकिन कोरोना वायरस अभी जिंदा है, जश्न नहीं जिम्मेदारी




नवीन चौहान
हरिद्वार जनपद के ग्रीन जोन में आने के ​बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने केंद्र सरकार की गाइड लाइन व राज्य सरकार के निर्देशों के अनुपालन में हरिद्वार के समस्त बाजार को खोलने की अनुमति सोशल डिस्टेंसिंग की विशेष शर्तो के अनुसार दे दी। बाजार खुलने से जहां जनता की परेशानियां कम होगी वही हरिद्वार की बिगड़ी अर्थव्यवस्था में भी सुधार देखने को मिलेगा। दुकानदार और उनके प्रतिष्ठानों पर कार्य करने वाले तमाम लोग अपने रोजगार पर जा सकेंगे। लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण समझने वाली बात ये है कि कोरोना वायरस अभी जिंदा है। कोरोना संक्रमण का खतरा टला नही है। इस संक्रमण से तभी बचा जा सकता है जब आप पूरी तरह से सामाजिक दूरी का पालन करेंगे। ​केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ही कार्य करेंगे।
करीब दो माह से कोरोना संक्रमण के चलते बंदिशों में जीवन यापन कर रहे हरिद्वार के लोगों को 19 मई 2020 को आधे दिन की आजादी विशेष शर्तो के अनुसार दी गई है। हरिद्वार के समस्त प्रतिष्ठानों को खोलने की छूट दी गई है। जिसके बाद से प्रतिष्ठान स्वामियों की खुशी का ठिकाना नही है। सभी प्रतिष्ठान स्वामी सुबह सबेरे ही अपनी दुकानों पर पहुंच गए। जहां साफ—सफाई के बाद पूजा अर्चना और धार्मिक क्रिया कलाप करने के बाद अपने नियमित कार्य में जुट गए। वही अपनी जरूरत का सामान लेने के लिए ग्राहकों की भीड़ भी बाजारों की ओर पहुंचना शुरू हो गई। दुकानों पर भीड़ में सामाजिक दूरी के नियमों की अनदेखी भी देखने को मिली। कमोवेश ये नजारा हर प्रकार की दुकानों पर देखने को मिला। बहुत दिनों के बाद मिली आजादी को लोगों ने जश्न के रूप में लिया। हालांकि ये अच्छी बात है। अर्थव्यवस्था के तौर पर देखा जाए तो सरकार और प्रशासन का ये बहुत अच्छी पहल है। लेकिन यहां समझने की बात ये भी है कि सरकार और प्रशासन की दो माह की मेहनत पर पानी ना फिर जाए। जिस कोरोना के वायरस की रोकथाम के लिए सख्ती की गई थी वो संक्रमण के रूप में ना फैल जाए। एक संक्रमित मरीज हरिद्वार में तबाही मचा सकता है।
अगर कोरोना संक्रमित मरीज ने किसी को अपने प्रभाव में लिया तो सरकार और प्रशासन को इसे रोक पाना असंभव होगा। ऐसी स्थिति में हरिद्वार जनपद की स्थिति बिगड़ सकती है। सरकार और प्रशासन ने आपके लिए कुछ छूट दी है तो यहां पर सभी दुकानदारों, प्रतिष्ठान स्वामियों की नैतिक जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ गई है। सभी को सामूहिक प्रयासों से इस संक्रमण को फैलने से रोकना होगा।
इस महामारी के बारे में एक बात और समझने की जरूरत है। जब देश में कोरोना का संक्रमण दस्तक दे रहा था तब पूरे देश में लॉक डाउन था। आज जब देश में संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख के करीब पहुंच गई है तो लॉक डाउन के नियमों में छूट दी गई है। सरकार और प्रशासन ने ये छूट जनहित की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हूुए दी है। ऐसे में आप अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकते है। एक जिम्मेदार भारतीय होने का वक्त है। खुद को कोरोना संक्रमण से बचाकर रखिए और दूसरों को भी सुरक्षित रखिए।



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