हरिद्वार के बड़े कारोबारी बाप-बेटा गिरफ्तार, बैंक मैनेजर पर गिरफ्तारी की तलवार




नवीन चौहान
हरिद्वार के एक बड़े बाइक कारोबारी को नगर कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। जबकि बैंक मैनेजर की भूमिका संदेह के घेरे में है। पुलिस तमाम साक्ष्यों के बाद बैंक मैनेजर को भी गिरफ्तार कर सकती है। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है।
नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि रामनगर निवासी करण पाल महेंदू ने यूनाइटेड आटो गैरेज के मालिक प्रणव देशवाल और उसके बेटे गगन देशवाल के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर में बताया गया कि उसने एक बाइक खरीदने गया था। उक्त बाइक के लिए शोरूम के मालिक के माध्यम से इलाहाबाद बैंक की हरिद्वार शाखा से लोन कराया गया। लेकिन जब वाहन की किश्तों का भुगतान करने के बाद भी लोन पूरा नही हुआ तो पता चला कि सामान्य बाइक देकर टॉप मॉडल की कोटेशन देकर लोन कराया गया है। पीडि़त ने जब तत्कालीन बैंक मैनेजर संजय गुप्ता से जानकारी की गई तो पीडि़त को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। पीडि़त की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना उप निरीक्षक रणवीर सिंह को जांच सौंप दी। विवेचनाधिकारी रणवीर सिंह ने शोरूम मालिक गगन देशवाल और उसके पुत्र प्रणव देशवाल से पूछताछ की तो धोखाधड़ी होने की पुष्टि हो गई। पुलिस ने बैंक जाकर दस्तावेजों के साक्ष्य जुटाए तो लोन की धोखाधड़ी के खेल का पर्दाफाश हो गया। विवेचनाधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि बैंक मैनेजर संजय गुप्ता की मिलीभगत से शोरूम मालिक प्रणव देशवाल और गगन देशवाल ने करीब 14 वाहनों में इस प्रकार की धोखाधड़ी की है। जबकि करीब एक दर्जन बाइक वाहन का लोन शोरूम मालिक ने खुद अपने नाम से किया हुआ है। तो खाते वर्तमान में एनपीए हो गए है। तमाम साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोपी बाप बेटों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया है। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
इस प्रकार की धोखाधड़ी
शोरूम में वाहन की कीमत करीब सात लाख की थी। जबकि कस्टमर को कोटेशन साढ़े आठ लाख की दी गई। जबकि बैंक में लोन लेने के दौरान टॉप मॉडल के नाम पर 10 लाख 62 हजार का लोन हासिल कर लिया गया। पीडि़त कस्टमर लोन चुकाता रहा। लेकिन लोन खत्म होने का नाम नही ले रहा था। जिसके बाद करीब एक दर्जन पीडि़तों से पुलिस से मदद की गुहार लगाई।
पांच साल पुराना प्रकरण
धोखाधड़ी का ये प्रकरण करीब पांच साल पुराना है। यूनाइटेड आटो गैराज उन दिनों सोनालिका बाइक बेचा करता था। इस दौरान बैंक मैनेजर संजय गुप्ता से सांठ-गांठ कर धोखाधड़ी का खेल किया गया। पीडि़तों ने तब भी पुलिस से मदद की गुहार लगाई। लेकिन आपसी बातचीत के बाद ये मामला फाइलों में दफन होकर रह गया। इस बार इस केस की पूरी जांच हुई तो बैंक मैनेजर संजय गुप्ता के कारनामे भी उजागर हो गए।



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