बेरहम मौसम और ​स्कूली बच्चों पर सितम, कंधे पर किताबों का बैग




नवीन चौहान
कड़ाके की सर्दी के मौसम बेरहम हो गया है। जमीन पर ठंड और आसमान से बारिश मुसीबत का सबब बन रही है। ऐसे में स्कूली बच्चों पर सर्दी का सितम हो रहा है। बच्चे ठंड में कंधे पर किताबों का बैग लेकर स्कूल की ओर दौड़ लगा रहे है। वही दूसरी ओर बच्चे डीएम सर के छुटटी के मैसेज के बारे में पूछना नही भूल रहे है।
सर्दी के मौसम में उत्तराखंड पूरी तरह से शीत ऋतु की चपेट में है। पहाड़ों पर हो रही वर्फबारी ने ठंड दोगुनी कर दी है। सड़कों ने कोहरे की चादर ओढ ली है। जिसके चलते मैदानी इलाकों में हाड कंपा देने वाली कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वही आसमास से भी लगाातार बारिश हो रही है। ठंड की ठिठुरन में वर्फीली हवा वातावरण में सर्दी को ओर बढ़ा रही है। ऐसे में बच्चों को ठंड में स्कूल भेजना परेशानी का सबब बन रहा है। नर्सरी कक्षा के छोटे—छोटे नौनिहाल कंधों पर बैग टांगे स्कूल की ओर मुंह करके रो रहे है। सुबह—सुबह रजाई की गर्माहट से बच्चों को बाहर निकालना और गर्म पानी से स्नान कराकर स्कूल भेजना उनकी माता को भी भारी पड़ रहा है। स्कूली बच्चों को छुटटी का इंतजार है। लेकिन प्रशासन की ओर से छुटटी का कोई आदेश नही होने के चलते बच्चे स्कूल पहुंच रहे है। हरिद्वार जनपद की बात करें तो 16 जनवरी 2020 से सभी स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रारंभ हो गया है। हालांकि स्कूलों में बच्चों की संख्या बेहद कम रही। लेकिन स्कूलों में पूर्व की भांति शिक्षण कार्य हुआ। कुल मिलाकर कहा जाए तो बेरहम सर्दी स्कूली बच्चों पर सितम ढहा रही है।



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