शादाब अली, रुड़की। भगवानपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जहां एक और स्वर्गीय सुरेंद्र राकेश पूर्व कैबिनेट मंत्री की माता चुनाव मैदान में बीजेपी के फूल से अपनी किस्मत आजमा रही थी तो वहीं दूसरी ओर स्वर्गीय सुरेंद्र राकेश की धर्मपत्नी विधायक भगवानपुर ममता राकेश ने मास्टर सत्यपाल को कांग्रेस के हाथ के साथ मजबूत करने की कोशिश की। उन्हें चुनाव मैदान में उतारकर सीधे-सीधे अपनी ही सास को हराने के लिए दिन रात एक कर दिया। लेकिन स्वर्गीय सुरेंद्र राकेश के छोटे भाई सुबोध राकेश ने पूरे चुनाव की कमान अपने हाथ में ली और लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए। क्योंकि स्वर्गीय सुरेंद्र राकेश की मृत्यु के बाद उनकी झलक उनके छोटे भाई सुबोध राकेश को उनका राजनीतिक वारिस माने जाने लगा। उनके नक्शे कदम पर ही चलते हुए सुबोध राकेश ने भगवानपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जनता ने उनको भरपूर प्यार देते हुए लगभग 44000 वोटों से नवाजा लेकिन उनकी भाभी ने उन्हें कुछ वोटों से शिकस्त दे दी। शिकस्त मिलने के बाद भी सुबोध राकेश ने भगवानपुर विधानसभा की जनता से दूरी नहीं बनाई। बल्कि उनके काम के लिए वह दिन हो या रात कभी भी मना नहीं किया। जिसके बाद बीजेपी ने उनकी माताजी को नगर पंचायत भगवानपुर से प्रत्याशी बनाया तो सुबोध राकेश ने पूरे चुनाव की कमान अपने हाथ में लेते हुए अपनी माताजी को चुनाव मैदान में विजय दिलाई।