संकट के दौर में हरिद्वार का प्रॉपर्टी कारोबार, कई बिल्डर पैंसा लेकर फरार




नवीन चौहान
केंद्र की मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रॉपर्टी का कारोबार पूरी तरह से मंदा पड़ा हुआ है। पांच सालों के भीतर जमीन के दामों में कोई खास बढ़ोत्तरी देखने को नही मिली है। तो कुछ प्रॉपर्टी डीलरों, बिल्डरों, कॉलोनाईजरों ने इस कारोबार से ही किनारा कर लिया है। हरिद्वार में प्रॉपर्टी के कारोबार की बात करें तो यहां पांच सालों से जमीन के दाम पूरी तरह से स्थिर है। प्रॉपर्टी के कारोबार में निवेश करने वाले कारोबारियों ने हाथ पीछे खीच लिए है। वही अपने लिए आशियाना तलाश रहे मध्यम वर्ग के लोग ही प्लाट के खरीददार बचे है। इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि प्रॉपर्टी का कारोबार किन हालातों से गुजर रहा है। जबकि कई बिल्डर हरिद्वार से पीडि़तों के पैंसे लेकर फरार हो चुके है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सभी को अच्छे दिनों की उम्मीद जगी। पीएम मोदी ने भी देश की जनता को अच्छे दिन आने का वायदा किया। उन्होंने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करने के संकेत दिए। नोटबंदी लागू की गई और जीएसटी कानून पारित कर दिया। इन सबके बीच प्रॉपर्टी का कारोबार लगातार गिरता चला गया। पांच सालों के भीतर बिल्डरों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई। दिल्ली, मुंबई, नोयडा की बात करें तो यहां बिल्डर प्लैट बनाकर बुरी तरह फंस गए। प्लैट की ब्रिकी स्थिर हो गई। बिल्डरों के बैंकों के ऋण भारी पड़ने लगा। कुछ ऐसे ही हालात हरिद्वार के भी नजर आए। हरिद्वार में पिछले पांच सालों के दौरान पाश कालोनी की कुछ चुनिंदा जगह को छोड़ दे तो किसी स्थान पर जमीन के रेट में कोई बढ़ोत्तरी नही हुई। सिडकुल, कनखल-लक्सर मार्ग और रायवाला, श्यामपुर की तरफ की जमीनों के दाम पूरी तरह से जस के तस बने हुए है। प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले कारोबारी गायब है। हां कुछ चुनिंदा लोग ही अपने लिए आशियाना तलाशने वाले 800 और 1000 फुट के प्लाट खरीद रहे है। इस ग्राहकों से बिल्डरों के खर्च तक पूरे नही हो पा रहे है। जबकि वास्तविकता यह है कि हरिद्वार के कॉलोनाईजरों को भ्रष्टाचार से भी निजात नही मिल पाई है। कॉलोनी बनाने के दौरान सरकारी महकमों ने मिलने वाली एनओसी लेने के लिए कानूनी अड़चनों और जेब गरम का सिलसिला जस का तस है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि देश की अर्थव्यस्वस्था को चलाने वाला प्रॉपर्टी का कारोबार आज संकट के दौर से गुजर रहा है। बिल्डरों के यहां कार्य करने वाले तमाम लोग बेरोजगार होने की स्थिति में है। केंद्र की मोदी सरकार ना तो पूरी तरह से भ्रष्टाचार को खत्म कर पाई और ना ही गरीबों को सस्ते घर दे पाई। लेकिन प्रॉपर्टी का कारोबार पूरी तरह से चौपट जरूर हुआ। विगत पांच सालों के भीतर हरिद्वार से कई बिल्डर लोगों की रकम लेकर फरार हो चुके है। बहादराबाद क्षेत्र में एक बिल्डर लोगों के करोड़ों की रकम लेकर फरार हो चुका है। वही हरिद्वार के कई नामी गिरामी प्रॉपर्टी डीलर वर्तमान में सड़कों पर बेरोजगारों की तरह घूम रहे है।



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