Haridwar Police के तीन कांस्टेबलों की मौत का रहस्य, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान

हरिद्वार। मित्र पुलिस के चार दोस्तों की दर्दनाक दास्तां। चारों दोस्तों ने एक साथ खाकी वर्दी पहनी। कानून का अनुपालन कराने की शपथ ली। मित्रता सेवा और सुरक्षा का संकल्प लिया, लेकिन उसके बाद जो हुआ किसी की रूह को कंपा सकता है। तीन दोस्तों ने एक के बाद एक फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जबकि चौथा दोस्त मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहा है। पुलिस महकमे की ओर से उसे इलाज के लिये अवकाश दिया गया है। लेकिन पुलिस के जवानों के आत्महत्या करने की घटनाओं ने पूरे प्रदेश की पुलिस को संकट में डाल दिया है। आखिरकार इन दोस्तों के पीछे की वजह सबको परेशान कर रही है। जबकि चारों दोस्तों का व्यवहार और कर्तव्यनिष्ठा लाजबाब रही है।
हरिद्वार जनपद में क्यूआरटी के तैनात कांस्टेबल विपिन सिंह भंडारी ने उत्तरी हरिद्वार स्थित अंचल आनंद धाम के कमरा नंबर 227 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। विपिन सिंह भंडारी पुत्र नंदन सिंह भंडारी निवासी बैंक कालोनी, मोथरोवाला देहरादून मूल रूप से पौड़ी का रहने वाला था। विपिन सिंह भंडारी ने अपने कमरे में पंखे से बेल्ट का फंदा बनाकर लटक गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। विपिन सिंह भंडारी की मौत का रहस्य बरकरार है। विपिन भंडारी साल 2012 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था।

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विपिन भंडारी के साथ उसके तीन दोस्त जगदीश बिष्ट, हरीश और चंद्रवीर भी उसी के साथ साल 2012 में पुलिस टै्रनिंग ले रहे थे। इन चारों में गहरी दोस्ती हो गई। चारों दोस्तों ने पुलिस महकमे में अपनी कर्तनिष्ठा से अलग पहचान बनाई। अब जिक्र करते है इन दोस्तों की दर्दनाक दास्तां का। हरीश का शव सिंहद्वार और प्रेमनगर आश्रम पुलिस के पास एक सरिये से लटका मिला। उसकी मौत हो चुकी थी। जबकि हरीश की बाइक सड़क किनारे खड़ी थी। पुलिस हरीश की मौत के रहस्य से परदा नहीं उठा पाई। संभावना जताई गई कि हरीश ने आत्महत्या की है। इसी के साथ दूसरे दोस्ते जगदीश बिष्ट की कहानी भी मिलती जुलती है। जगदीश ने सिडकुल में अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या की। जगदीश को मानसिक तनाव से ग्रसित था। ये बात उसकी मौत के बाद परिजनों ने पुलिस को बताई। दो दोस्तों की मौत की गुत्थी का रहस्य बना हुआ था कि तीसरे दोस्त विपिन भंडारी ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तीसरे दोस्त के बाद अब चौथे दोस्त चंद्रवीर की बात करते है तो उसकी मनोदशा ठीक नहीं बताई जा रही है। पुलिस महकमे से इन दिनों चंद्रवीर को अवकाश दिया गया है। ऐसे में एक बात पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बन रही कि तीन दोस्तों की मौत एक जैसे ही हुई। किसी को कोई कारण समझ नहीं आया। तीनों के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। तो आखिरकार इन दोस्तों की मौत की वजह क्या हो सकती है। इन घटनाओं ने पुलिस महकमे के अधिकारियों को सकते में डाल दिया है। अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे है। लेकिन चार दोस्तों की ये दर्दनाक दास्तां एक कहानी बन गई है।



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