नवीन चौहान, हरिद्वार। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी और नपुसंक होने की सबसे बड़ी वजह प्लास्टिक है। प्लास्टिक प्रदूषण के कारण ही वर्तमान पीढि़़यां बीमारियों में जकड़ी हुई हैं और नवजात शिशु अपंग हो रहे हैं। यदि आज से आपने प्लास्टिक से तौबा नहीं की तो प्रकृति में मिल रहे प्लास्टिक के रसायन पदार्थ देश कि लिये सबसे बड़ा खतरा बनेंगे।
प्लास्टिक के कारण होने वाले दुष्प्रभावों के संबंध में वैज्ञानिक प्रो. बीडी जोशी ने बताया कि प्लास्टिक एक अप्राकृतिक सामग्री है। प्लास्टिक से मनुष्यों और जीव जंतुओं का करीब 75 सालों पूर्व परिचय हुआ था। जो चीजें प्राकृतिक घटक नहीं होती उनका प्रकृति चक्र में समीकरण होना जीव जंतुओं, पेड़ पौधों से तलमेल बैठना असंभव होता है। प्लास्टिक कई प्रकार के होते हैं। इनमें से कई प्लास्टिक सिंथेटिक सामग्री है। कैमिकल से इनका निर्माण किया जाता है। प्लास्टिक की सबसे बड़ी समस्या ये है कि इसका विघटन नहीं हो पाता है। हजारों सालों साल धरती पर पड़ी रहती है। कैमिकल रसायन से निर्मित प्लास्टिक मानव जगत और जीव जंतुओं के लिये खतरा उत्पन्न करती रहती है। प्लास्टिक का जब धीरे-धीरे विखंडन होता है तो अपने आसपास विषैले तत्वों को रिलीज करती है। वो विषैले तत्व जमीन में पानी में वायुमंडल में निकलते हैं और अपने मूल रूप से बहुत छोटे अणु के रूप में आते हैं। यही अणु जब प्रकृति के तत्वों में समाहित होते हैं तो मानव जगत के लिये खतरे की घंटी बजाते हैं। प्राकृतिक जीवन चक्र पूरी तरह से असंतुलित हो जाता है। जिसके चलते पेड़ पौधों और मानव जगत के जीवन चक्र में बाधा उत्पन्न होने लगती है। श्री जोशी के अनुसार प्लास्टिक हजारों वर्षों तक नष्ट नहीं होता, जिस कारण यह पृथ्वी और उसकी उर्वरा शक्ति के लिए घातक होता है। इसी के कारण जीव-जंतुओं और पौधा के विकास में भी बाधक होते हैंं। लास्टिक मनुष्य के लिए भी घातक है। कई कारणों से मनुष्य के शरीर में पहुंचकर यह हानि पहुंचाते हैं तथा कैंसर व त्वचा जैसे रोगों को बढ़ाने में सहायक होते हैं तथा जन्म लेने वाला बच्चे पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
विचारणीय तथ्य यह कि यदि हम आज से ही प्लास्टिक का प्रयोग बंद कर दे ंतो भी इसका प्रभाव हजारों वर्षों तक हम पर रहेगा। कारण की जो प्लास्टिक के तत्व समुद्र, पृथ्वी व अन्य स्थानों पर है। उनका नष्ट होने में हजारों वर्षों का समय लगेगा। इस कारण प्लास्टिक मानव जीवन व पृथ्वी के लिए घातक है। प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक बुद्धिमानी भरा कदम होगा। यदि इस पर रोक न लगी तो आने वाली पीढि़यों को यह विकलांग व नपुंसक बना देगा। इतना ही नहीं पृथ्वी पर वनस्पतियों पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। जिस कारण से भी मानव जीवन प्रभावित होगा।