बेरोजगारों को चूना लगाने वाले आरोपी को दरोगा विकास रावत ने दबोचा




नवीन चौहान
सिडकुल की महेंद्रा कंपनी में नौकरी दिलाने की एवज में साढ़े तीन लाख की रकम हड़पने वाले आरोपी को रानीपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने उक्त रकम को अपने ऐशो आराम पर खर्च कर लिया है। आरोपी आन लाइन धोखाधड़ी करने में माहिर है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से कई चैक बुक व फर्जी दस्तावेज बरामद किए है।
घटनाक्रम के मुताबिक 18.06.2018 को पीड़ित असीम मलिक निवासी शिवलोक कालोनी थाना रानीपुर ने पुलिस को तहरीर दी। बताया कि एक व्यक्ति ने खुद को महिन्द्रा कंपनी का अधिकारी बताकर उसकी कंपनी में नौकरी लगाने की एवज में वर्ष 2017 में विभिन्न मोबाईल नम्बरों से 3.50 लाख हड़प लिए। जिसके बाद में सभी मोबाईल नम्बर स्वीच ऑफ कर लिये है। जिसमें से 20 हजार रूपये मेरे द्वारा इंडोसेंड बैंक के खाता संख्या 10051710416 में जमा कराए गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया तथा विवेचना उप निरीक्षक विकास रावत को दी गई। उप निरीक्षक विकास रावत ने आरोपी को पकड़ने के लिए तमाम नंबरों और बैंक के खातों की डिटेज को गहनता से खंगालना शुरू किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस ने ऑन लाईन धोखाधड़ी कर रकम हड़पने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए व इन घटनाओं को अंजाम देने वाले अज्ञात अभियुक्तों की सुरागरसी पतारसी कर धर पकड़ के लिए कोतवाली रानीपुर को निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देशों का अनुपालन करते हुए रानीपुर कोतवाली पुलिस ने एक टीम गठित की गई। जिसने सर्विलांस के माध्यम से व उन तमाम नम्बरों की सीडीआर का अवलोकन किया। जिनके माध्यम से ऑन लाईन धोखाधडी की जाती थी। आखिरकार उप निरीक्षक विकास रावत को सफलता मिली। पुलिस ने 11.09.2019 को एक अभियुक्त विजय तिवारी पुत्र गिरजा शंकर तिवारी निवासी 403/242 कटराविजन बैंग चौपाटिया थाना शाहदत गंज जनपद लखनऊ उत्तर प्रदेश हाल पता स्काई अपार्टमेन्ट तेल मील वाली गली निकट सहारा मॉल चक्करपुर गुरूग्राम थाना सेक्टर 29 हरियाणा उम्र 32 वर्ष को सहारा मॉल गुडगांव हरियाणा के पास हाईवे से सायं के समय गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्त विजय तिवारी ने स्वीकार किया किया कि उसने मोबाईल नम्बर से वादी असीम मलिक से अलग अलग व्यक्ति बनकर नौकरी लगाने की एवज में धोखाधड़ी की है। आरोपी विजय तिवारी के पास से उपरोक्त खाता संख्या की चेक बुक विभिन्न बैंको के सात एटीएम कार्ड तथा धोखाधडी करने के लिए तैयार  किये गये नोट्स/ लेख की दो बुक व अभियुक्त का आधार कार्ड  जिसके माध्यम से उसके द्वारा वह सिम लिया गया था, जिसका प्रयोग वादी से धोखाधडी करने में किया गया बरामद हुआ।
अपराध करने का तरीका
अभियुक्त विजय तिवारी उपरोक्त विभिन्न दूर संचार/ टेलीकोम कंपनियों के सिम किसी अन्य व्यक्ति की आईडी पर लेकर लोगों को अपने आप को नौकरी लगाने के लिए खुद को कंपनी का अधिकारी बताकर ग्राहकों से बात करता था। बेरोजगारों को अच्छी कंपनियों में नौकरी लगाने का झांसा देकर उनसे ऑन लाईन धोखाधडी करता था। पीड़ितों का काफी मात्रा में धनराशि हडपकर पीडितो को आर्थिक नुकसान पंहुचाता था। तथा फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजता था। ताकि ग्राहकों को उस पर संदेह न हो।



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