नवीन चौहान, हरिद्वार। रानीपुर विधायक आदेश चौहान के लंबे संघर्ष के बाद उत्तराखंड के सैंकड़ों परिवारो को बड़ी राहत मिली है तथा प्रदेश को करोड़ों का राजस्व मिलने का रास्ता भी साफ हो गया हैं। इस राजस्व से प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी तथा सरकार विकास कार्यो में पूंजी खर्च कर सकेंगी। विधायक आदेश चौहान ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनहित के कार्यो को करने में विशेष रूचि रखते है।
बताते चले कि उत्तराखंड के तराई के इलाकों में उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के कारण फ्रेगमेंट की समस्या था। इस कानून में फंसे परिवार जमीन का टुकड़ा खरीदने के बाद भी उसे अपने नाम दर्ज नहीं करा पा रहे थे। उनके जमीनों की दाखिला खारिज नहीं हो पा रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने साल 2007 में इस अधिनियम को एक साल के लिये खत्म करते हुये दाखिला खारिज का रास्ता निकाला था। लेकिन जानकारी के अभाव में पीड़ित परिवार इसका लाभ लेने से वंचित रहे गये। क्षेत्र की जनता ने जब इस मामले को जनप्रतिनिधियों के सामने रखा तो प्रयास शुरू हो गये। लेकिन कांग्रेस सरकार में हरिद्वार के पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने भी इस मुद्दे को उठाया। लेकिन सरकार ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। वहीं दूसरी ओर से भाजपा ने रानीपुर विधायक आदेश चौहान इस मुद्दे को गंभीरता के साथ सदन में उठाते रहे। लेकिन उनकी बातों पर भी सरकार ने गौर नहीं किया। दूसरी बार विधायक चुनकर आये रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने इस गंभीर समस्या का निवारण करने के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से चर्चा। प्रकरण केबिनेट में रखा गया और सदन ने मोहर लगा दी। इस समस्या का समाधान करने में आईएएस डीसेंथिल पांडियान ने भी जनता के पक्ष में रिपोर्ट दी। जिसके बाद वर्तमान सरकार के लिये रास्ता साफ हो गया। अब सरकार की ओर से जीओ जारी कर दिया गया। सभी पीड़ित परिवार वर्तमान सर्किल रेट का 10फीसदी राजस्व कोष में जमा कराके दाखिला खारिज करा सकते है।