नवीन चौहान, हरिद्वार। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिनों से चल रहा छठ महापर्व का समापन हो गया। छठ के अखिरी दिन भारी मात्रा में छठव्रतियों ने प्रातः घाटों पर पहुंचकर उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की। उगते हुए सूर्य का अर्घ्य देने के बाद छठ वतधारियों ने 36 घंटे स ेचल आ रहे निर्जला व्रत का समापन किया।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व संपन्न हो गया। इस पर्व को लेकर पूरे चार दिनों तक माहौल भक्तिमय बना रहा। बुधवार को भगवान सूर्य की लालिमा दिखते ही छठ व्रतियों के द्वारा हाथों में सूप, डलिया लेकर दुध और पानी से अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। तीर्थनगरी हरिद्वार के ह्दय स्थल कहे जाने वाले हरकी पैड़ी व प्रेमनगर आश्रम घाट पर बड़ी संख्या में छह व्रतधारी इकट्ठा हुआ। वहीं वैराबी कैंप व बजरी वाला में रहने वाले पूर्वाचल के लोगों ने राजघाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रातः छठ पूजा के लिए हाथों में सूप ओर पूजन सामग्री से भरे हजारों हाथों का अलग ही नजरा दिखाई दिया। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोगों ने सुबह जमकर आतिशबाजी की। कई घंटों तक आतिशबाजी के कारण असमान गूंज उठा। इतना ही नहीं छठ पर्व पर गंगा के घाट पूर्वांचल के लोक गीतों से गुंजायमान रहे।
अर्घ्य देने के लिए महिला, पुरुष, बच्चे, युवक, युवतियां सहित वृद्ध लोगों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने परिवार में सुख समृद्धि की कामना की। इसी के साथ चार दिनों से चला आ रहा छठ पर्व सम्पन्न हो गया।