नवीन चौहान, हरिद्वार। हरिद्वार की पहली नव निर्वाचित महिला मेयर अनिता शर्मा को निकाय चुनाव में मायके से तो भरपूर प्यार मिला। लेकिन उनकी ससुराल कनखल क्षेत्र से लोगों में नाराजगी दिखाई दी। ससुराल वालों की नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अनिता को कनखल में सबसे कम वोट मिले। जबकि खुद उनकी बेटी नेहा शर्मा कनखल से चुनाव हार गई और पार्षद बनने से चूक गई। जबकि ज्वालापुर के लोगों ने अनिता शर्मा को भरपूर वोट किया।
बताते चले कि हरिद्वार की पहली महिला मेयर अनिता शर्मा का ननिीाल ज्वालापुर का है। जबकि उनकी ससुराल कनखल राजघाट पर है। अनिता शर्मा के पति अशोक शर्मा काफी लंबे अरसे से कांग्रेस पार्टी से जुड़े है और समाजसेवा के कार्यो में सक्रिय भूमिका निभाते है। उनकी राजनैतिक पकड़ भी काफी मजबूत है। इसी के चलते कांग्रेस पार्टी ने हरिद्वार के मेयर का टिकट अशोक शर्मा की पत्नी अनिता शर्मा को दिया। इसी के साथ अनिता शर्मा की बेटी नेहा शर्मा को कनखल के ही वार्ड 26 से पार्षद का टिकट भी दिया। अशोक शर्मा ने पूरी रणनीति के तहत चुनाव की रूपरेखा तैयार की और प्रचार शुरू कर दिया। बिना किसी स्टार प्रचारक के ही अशोक शर्मा अपनी पत्नी अनिता शर्मा को मेयर की कुर्सी दिलाने के लिये दिन रात जनसंपर्क अभियान में जुटे रहे। चूंकि अशोक शर्मा कनखल के रहने वाले है और पूर्व पार्षद रहे हैं तो उम्मीद की जा रही कि अनिता को सर्वाधिक वोट कनखल क्षेत्र से ही मिलेंगे। जबकि कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के घर भी कनखल में ही है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनाव परिणामों की गिनती हुई तो अपनी बेटी को मेयर बनाने का श्रेय भी अनिता के ननिहाल वाले अर्थात ज्वालापुर वासियों को ही मिला। ज्वालापुर के वोटों के कारण अनिता ने बढ़त बनाई जो जीत का कारण बनी। अब अनिता शर्मा चुनाव जीत कर मेयर बन गई है तो वह अपनी ससुराल कनखल के लोगों का दिल जीतने के लिए पूरे उत्साह से कार्य करेंगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है।