उत्तराखंड में हरदा ही कांग्रेस की संजीवनी, जिसमें है दम




नवीन चौहान
उत्तराखंड में कांग्रेस को सत्ता दिलाने का दम पूर्व सीएम हरीश रावत रखते है। हरदा उत्तराखंड में कांग्रेस की संजीवनी है। जो पार्टी में नई जान फूंक सकते है। कार्यकर्ताओं में जोश भर सकते है। भाजपा की विफलताओं को जनता तक पहुंचाकर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना सकते है। हालांकि खेमों में फंसी उत्तराखंड की कांग्रेस हरदा की बढ़ती सक्रियता से बौखलाई हुई है। लेकिन हरदा हार मानने वालों में से नही है। विपरीत परिस्थितियों में भी पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करते है। यही कारण है कि हरदा कांग्रेस में अपने विरोधियों के लिए एक चुनौती बने हुए है।
खांटी कांग्रेसी नेता हरीश रावत जमीन से जुड़े नेता है। वह जनता की नब्ज पकड़ना जानते है। जनता के दिलों को छू लेने का दंभ रखते है। हरदा ने अपनी राजनीति की शुरूआत छात्र राजनीति से की थी। सियासत की डिग्री लेने के बाद हरदा ने पहाड़ से मैदान तक खूब राजनीति की। कांग्रेस का दामन थामा तो एक वफादार सिपाही की तरह पार्टी के हो गए। कांग्रेस ने भी उनको खूब सम्मान दिया। जिसकेे चलते वह केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तक बने। उत्तराखंड के मुखिया के तौर पर उन्होंने जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाई। उन्होंने जनता के लिए कई महत्वकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ किया। लेकिन कर्ज में डूबे उत्तराखंड में आर्थिक बजट का संकट बना रहा। वही दूसरी ओर हरदा के विश्वासपात्रों ने भी उनके नाम को खूब कैश कराया। उनके कार्यकाल में खनन और शराब माफियाओं की चांदी रही। हरदा के करीबी ने खनन और शराब माफियाओं की फाइलों को तेजी से दौड़ाया। जिसके चलते हरदा के नाम पर कई विवाद जुड़ गए। हालांकि सीधे तौर पर हरदा पर कोई आरोप नही है। लेकिन उनके करीबी के कार्यो से हरदा की छवि प्रभावित हुई। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में हरदा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद हरदा ने हार नही मानी। पहाड़ से लेकर मैदान तक जनता के बीच सबसे ज्यादा सक्रिय बने रहे। कांग्रेसियों के मनोबल को टूटने नही दिया। हरदा की पूरी टीम आज भी उतनी ही सक्रिय है। यही कारण है कि हरदा जिस क्षेत्र में जाते है वहां भीड़ जुटती है। एक सक्रिय नेता वही है जिसके पास जनता की भीड़ है। इस मामले में हरदा सबसे ऊपर है। कुल मिलाकर कहा जाए तो कांग्रेस का सूखा खत्म करने का दंभ हरदा के पास है। हरदा की कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचा सकते है। अगर कांग्रेस के लिए हरदा को संजीवनी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नही होगी।



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