प्रकृति में उत्पन्न विभिन्न विकिरणों के हानिकारक प्रभावों पर मंथन




हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान विभाग की ओर से द्वितीय तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सीनेट हॉल में किया गया। संगोष्ठी में प्राकृतिक वातावरण में विकिरण के प्रभाव एवं जागरुकता विषय पर विद्वान प्रोफसरों तथा शोध छात्रों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। देश के जाने माने विश्वविद्यालयों के विद्वान प्रोफेसरों ने संगोष्ठी में भाग लिया है। भौतिक विज्ञान के छात्रों ने दूसरे विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों से विज्ञान के संबंध में अपनी जिज्ञासाओं को भी शांत किया।
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सुरेंद्र कु मार की अध्यक्षता में एरीज नैनीताल के निदेशक डॉक्टर अनिल पांडेय ने बतौर मुख्य अतिथि तीन दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर अनिल पांडेय ने मनुष्यों के जीवन पर विकिरणों के हानिकारक प्रभाव की जानकारी दी। कुलपति सुरेंद्र कुमार ने संबोधित करते हुये कहा कि विज्ञान प्रकृति की अनुपम देन है। भौतिक विज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन असंभव है। मनुष्य अपनी परिकल्पनाओं को विज्ञान की मदद से ही साकार करता है। प्रकृति से निकलने वाले विकिरण उसी का हिस्सा है। विकिरणों के प्रभाव से मनुष्य का जीवन चलता है। कुलपति सुरेंद्र कुमार ने संगोष्ठी की उपयोगिता के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी वैज्ञानिक सुविधाओं के गुण दोष की जानकारी देते है। विकिरणों की जागरुकता जरुरी है। उन्होंने कहा कि कौन से विकिरण हानिकारक है और कौन से हानिकारक नहीं है इस बात की जानकारी सभी नागरिकों को होनी चाहिये। चिकित्सा के क्षेत्र में विकिरणों का अहम रोल होता है। इस सेमीनार में विकिरणों के बारे में नई जानकारी निकालकर वैज्ञानिक नये शोध छात्रों के सामने रखेंगे। उन्होंने संगोष्ठी को उपयोगी करार दिया है। संगोष्ठी में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एपी डिमरी, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसके डाका, टिहरी परिसर गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आरसी रमोला, गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केडी पुरोहित, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर मुकेश प्रसाद और एनआईटी कुरुक्षेत्र के प्रोफेसर अश्वनी कुमार ने भी अपने आमंत्रित व्याख्यान प्रस्तुत किये। संगोष्ठी में डा रश्मि, डा कुलदीप सिंह और पीपी पाठक, आरसी रमोला, मौजूद रहे। कार्यक्रम के संयोजक गुरुकुल कांगड़ी के भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर हेमवती और विभाग के सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।

 



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *