नवीन चौहान,हरिद्वार। मनुष्यों के जीवन दायिनी तारे सूरज का आधा जीवन पूरा हो गया है। जबकि आधा जीवन शेष बचा है। सूर्य ग्रह ने अपने जीवन के पांच बिलियन वर्ष पूरे कर लिये है। बाकी पांच बिलियन वर्ष पूरे होते ही सूर्य का जीवन चक्र पूरा हो जायेगा। जिसके बाद सूरज रेड जाइंट के आकार में लाल रंग में बढ़ने लगेगा। जब सूर्य का आकार बढ़ेगा तो सबसे पहले वो निकटतम ग्रहों को निगलना शुरू कर देगा। सबसे पहले सूरज अपने निकटतम बुध और शुक्र को निगलने के उपरांत पृथ्वी को निगलना शुरू करेगा और मनुष्यों के जीवन समाप्ति की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट आॅफ आर्व्जरवेशनल साइंस एरीज नैनीताल के निदेशक डॉ अनिल कुमार पांडेय ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय परिसर में न्यूज127डॉट कॉम से बातचीत की। इस दौरान सूरज और पृथ्वी के बारे में रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूरज ब्रहांड में एक सूक्ष्म तारा है। ब्रहांड में सूरज से भी अधिक 60 गुणा भारी तारे मौजूद है। कई सारे तारे मिलकर एक आकाश गंगा बनती है। तारो का जीवन चक्र 10 मिलियन वर्ष से लेकर 10 बिलियन वर्ष तक का होता है। ऐसे ही सूरज भी एक तारा है। जिसका आधा जीवन पूरा हो चुका है। शेष जीवन के समाप्ति के दौरान सूरज का आकार बड़ा होने लगेगा। सभी ग्रहों को निगलने के बाद सूर्य पृथ्वी की ओर बढ़ेगा और पृथ्वी को निगल जायेगा। डॉ अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि ऐरीज तारों के जीवन चक्र पर गहन शोध कार्य कर रहा है। ऐरीज द्वारा लगाई गई 3.6 मीटर व्यास की दूरबीन उक्त शोध कार्य को पूरा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। इस दूरबीन की मदद से अंतरिक्ष में तारों के नये और रोचक रहस्यों से परदा उठाने का प्रयास जारी है।