गुजराती समुदाय द्वारा महारास के साथ समापन हुआ रास पूर्णिमा महोत्सव




नवीन चौहान
देवभूमि हरिद्वार में निवास करने वाले गुजराती समुदाय द्वारा पिछले चौदह सालों से नवरात्र महोत्सव का आयोजन होता है, जिसका समापन शरद पूर्णिमा के अवसर पर महारास व महाआरती के साथ किया जाता है। गुजरात से लगभग १५०० किमी दूर उत्तराखण्ड में गुजराती संस्कृति को जीवंत व जागृत रखने के लिए यह प्रयास हरिद्वार गुज्जू नामक संस्था करती आ रही है। शरद पूर्णिमा के इस अवसर पर उमिया माता ट्रस्ट उंजा गुजरात द्वारा संचालित उमिया धाम हरिद्वार में शरद पूर्णिमा के अवसर पर उमिया माता की महाआरती के साथ सम्पन्न हो गया। उल्लेखनीय है कि गुजराती समुदाय द्वारा नवरात्र महोत्सव शारदीय नवरात्र के नौ दिन और शरद पूर्णिमा को पारंपरिक नृत्य कर माँ की आराधना करता है। शरद पूर्णिमा के अवसर पर चांद की रोशनी में बनायी गयी विशेष खीर सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव से वितरित की गयी।


शरद पूर्णिमा के दौरान उमिया धाम हरिद्वार में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें हरिद्वार गुज्जू परिवार के सभी सदस्यों महाआरती भाग लिया। तो वहीं महारास में बच्चों से लेकर महिलाओं ने अपने सिर पर गरबी धारण गरबा नृत्य किया। इस अवसर पर हरिद्वार में गुजराती संस्कृति को जीवंत बनाये रखने उमिया धाम की प्रयास को सराहना करते हुए हरिद्वार गुज्जु परिवार के संस्थापक सदस्य रमेश भाई ठाकर एवं संस्था प्रमुख राजेश पाठक  ने उमिया धाम के उप प्रमुख आईसी पटेल को स्मृति चिह्न, शॉल भेंटकर सम्मानित किया। उमिया धाम उंजा, गुजरात के कार्यकारिणी सदस्य पुरुषोत्तम भाई फडदू विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर ऋषिकेश, लक्सर, सिडकुल, रोशनाबाद, कनखल, ज्वालापुर सहित शहर के विभिन्न हिस्सों के ढाई सौ से अधिक सदस्यों सहित दीपक भाई ठक्कर, कांति भाई पटेल, शांतिभाई पटेल, रामजी भाई, घनश्याम भाई, मदन भाई, लहर भाई, मोंटू भाई, कीर्तन भाई देसाई, पद्मा बेन, ऋषिकेश की अग्रणी समाजसेविका शर्मिष्ठा पटेल, डिंपल बेन, रमा बेन, सोनल पटेल, मिलन भाई शाह, फाल्गुनी भाई देसाई, मेहूल पटेल, केतन आदि उपस्थित  रहे।



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