राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि शिक्षा महज अक्षरज्ञान नहीं




नवीन चौहान
हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि शिक्षा का उदेदश्य केवल अक्षरज्ञान नहीं है। शिक्षा बालकों का चहुंमुखी विकास करती है। बच्चों का स्वास्थ्य उत्तम हो, शिक्षा के साथ उसको संस्कार भी मिले। स्वास्थ्य और संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी होती हैं। डीएवी संस्थों बच्चों को श्रेष्ठ बनाने का कार्य करती हैं। शायद इसी सोच के साथ हमारे हमारे पुरखों ने डीएवी संस्था की स्थापना की थी थी। वेद की इसी धारा को डीएवी संस्था आगे बढ़ा रही है। डीएवी संस्थाओं में ऐसे बालकों का निर्माण किया जा रहा है जो भारत की संस्कृति, सभ्यता, परम्परा और वेद की विचारधारा को जानेंगे। ताकि एक सुसभ्य और सुसंस्कृत और प्रबुद्ध समाज का निर्माण हो सके।
मंगलवार को वीएमडीएवी स्कूल के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने संबोधित करते हुए कहा कि पूरे भारतवर्ष में डीएवी संस्था श्रेष्ठ नागरिक बनाने का कार्य कर रही है। डीएवी स्कूलों में बच्चों को वैदिक ज्ञान के साथ-साथ अंग्रेजी शिक्षा दी जा रही है। डीएवी संस्था जिस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसको आगे बढ़ाने में डीएवी प्रबंध कमेटी के प्रधान पदमश्री डॉ पूनम सूरी के अथक प्रयास हैं।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रधान जी के नेतृत्व में डीएवी संस्था बहुत तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसरित हैं। छत्तीसगढ़ और बिहार राज्यों में भी डीएवी की तर्ज पर शिक्षा को सुदृढ़ करने पर विचार किया जा रहा है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हरिद्वार की इस पुण्य धरा पर वैदिक मोहन आश्रम में ही सबसे पहली बार महर्षि दयानंद सरस्वती ने पहली पाखंड खंडिनी पताका फैराई थी और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लिया था। हालांकि वक्त के साथ ही कुछ असामाजिक तत्वों ने इस वैदिक मोहन आश्रम में प्रवेश कर लिया।

लेकिन डीएवी प्रबंध कमेटी ने पूरी सूझबूझ से असामाजिक तत्वों को बाहर खदेड़कर एक श्रेष्ठ स्कूल स्थापित किया हैं। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि वैदिक मोहन आश्रम का ट्रस्टी बनाये जाने की मुझे खुशी है। वही डीएवी प्रबंध कमेटी के प्रधान डॉ पूनम सूरी ने डीएवी स्कूलों की श्रृंखला में एक नये स्कूल को शामिल किये जाने पर खुशी जाहिर की। इसी के साथ उन्होंने सभी शिक्षकों और आयोजनकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर डीएवी के डायरेक्टर वी सिंह, मैनेजर अल्पना शर्मा, प्रधानाचार्य लीना भाटिया सहित उत्तराखंड के सभी डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।



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