डबल इंजन की सरकार चार धाम यात्रा की तैयारी में फेल, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान,  

हरिद्वार। उत्तराखंड की डबल इंजन की भाजपा सरकार विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा को शुरू करने से पहले ही फेल हो गई है। महज चंद दिनों के भीतर शुरू होने वाली यात्रा को लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस तैयारियां नहीं की गई है। यात्रियों के हैलीकाप्टर बुकिंग कराने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वही ट्रैवल एजेंसियों के लिये पर्यटन नियमावली लागू करने में भी सरकार नाकाम रहीं है। श्रद्धालु एक बार फिर निजी ट्रैवल एजेंसियों के भरोसे उत्तराखंड आने के लिये तैयार बैठे है। जबकि सरकार की ओर से कोई सुविधा और व्यवस्था नहीं की गई है। सरकार के ऐसे हालात तो जब है जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज हरिद्वार के प्रभारी मंत्री है और उनका खुद एक विराट आश्रम हरिद्वार में है।
18 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का सिलसिला शुरू हो जायेगा। चारधाम यात्रा पर आने के लिये आस्थावान तीर्थयात्री करीब चार माह पूर्व ही तैयारियां शुरू करते है। रेलवे की टिकट, होटल, धर्मशाला, वाहन और हैलीकाप्टर की बुकिंग एडवांस में कराते है। इसके लिये वह निजी ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क करते है। इन यात्रियों के लिये सरकार की ओर से समुचित व्यवस्था की जाती है। वाहनों के रेट की दरें निर्धारित की जाती है। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये है। चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार की उदासीनता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि केदारनाथ जाने वाले यात्रियों के हैलीकाप्टर की बुकिंग के रेट और बुकिंग करने की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं बन पाई है। बाहरी राज्यों के तीर्थ यात्री इंटरनेट और हरिद्वार के टै्रवल एजेंसियों से हैलीकाप्टर सर्विस की जानकारी ले रहे है। एजेंसिया कोई जानकारी देने में असमर्थ है। टूर आप्रेटर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे है। ऐसे में सरकार का निर्णय और उनकी व्यवस्थाओं पर सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरकार सरकार कर क्या रही है।

पर्यटन मंत्री ने नहीं की कोई मीटिंग 
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व की तैयारियों को लेकर कोई बैठक निजी ट्रैवल एजेंसियों के साथ नहीं की है। ना ही किसी होटल और धर्मशाला प्रबंधकों के साथ कोई चर्चा की गई है। ऐसे में यात्रियों के लिये दरे निर्धारित करने पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।



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