नवीन चौहान, हरिद्वार। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बहुत ही दयालु और भावुक इंसान है। अपने कारण किसी को तकलीफ हो तो उनको परेशानी होती है। ऐसी ही परेशानी उनको अपनी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों और प्रशासन को देखकर हुई। फिर उसके बाद उन्होंने अपने दिल की बात कह डाली। उन्होंने कहा कि जौलीग्रांट से हरिद्वार तक सड़कों पर करीब दो हजार से अधिक पुलिसकर्मी भारी बारिश में भीगते ड्यूटी कर रहे है। जिनका मैं दोषी हूं। इसलिये मैं जल्दी कार्यक्रम का समाप्त करके जाना चाहूंगा। ताकि पुलिसकर्मियों को मेरे कारण और अधिक बारिश में खड़ा ना रहना पड़े।
महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का दिव्य प्रेम सेवा मिशन से गहरा नाता है। राष्ट्रपति बनने से पूर्व भी वह कई बार दिव्य प्रेम सेवा मिशन में आ चुके है। लेकिन भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार रामनाथ कोविंद अपनी पुरानी संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन में पहुंचे। यहां पहुंचकर वह बेहद भावुक हो गये।
अपने संबोधन में महामहिम रामनाथ कोविंद ने दिल को छू लेने वाली बात कहीं। उन्होंने कहा कि जब मैं जौलीग्रांट से हरिद्वार के लिये आया तो बहुत भारी बारिश हो रही थी। रास्ते में जगह-जगह पर पुलिस और प्रशासन के लोग सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थे। जो काफी समय से भीग रहे थे। उनके पास छाता तक नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा तो यहां पर मौजूद सभी लोगों से मिलकर जाने की थी। पर सड़क पर भीगने वाले पुलिसकर्मियों को देखते हुये मुझे कार्यक्रम से जल्दी जाना है।