नवीन चौहान
आपसी लेनदेन में दोस्त से उधार ली गई रकम का भुगतान करने के बावजूद चैक में फर्जी हस्ताक्षर कर 42 हजार की धोखाधड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित के खाते से जब रकम निकाली गई तो वह तत्काल बैंक पहुंचा। तो पता चला कि आरोपी ने खाताधारक के नाम ही सेल्फ में चैक में धनराशि भरकर रकम निकाल ली गई है। पीड़ित ने बैंक कैशियर पर भी मिलीभगत होने का आरोप लगाया है। घटना कनखल क्षेत्र की है।
कनखल जगजीतपुर के राजा गार्डन के महेंद्र विहार कॉलोनी निवासी वसंत कुछ महीनों पहले एक निजी बैंक में नौकरी करता था। जहां बैंक में ही काम करने वाले दूसरे युवक अरूण से हो गई। दोस्ती के बीच एक दिन वसंत ने पारिवारिक जरूरत के लिए 20 हजार की रकम उधार दिलाने की बात अरूण से की। अरूण ने अपने तीसरे दोस्त निशांत से रकम दिलाने का भरोसा दिया और गारंटी के तौर एक हस्ताक्षर युक्त चैक देने की बात की। वसंत ने अरूण पर भरोसा करते हुए एक कोरे चैक पर हस्ताक्षर कर अरूण को सौंप दिया। वसंत ने 28 जून 2019 को निशांत की रकम वापिस कर दी। लेकिन चैक वापिस लौटाने के लिए अरूण टालमटोली करने लगा। मामले में विवाद तब हुआ अचानक वसंत को 42 हजार की रकम बैंक से निकलने का मैसेज मिला। चूकिं वसंत बैंक की नौकरी छोड़ चुका था। लेकिन संपर्क होने के चलते रकम निकाले जाने वाली शाखा का पता किया। मालूम चला कि शिवालिक नगर शाखा से रकम निकाली गई है। जब अरूण से रकम निकालने की बाबत बात की गई तो वह फिर गोल मोल जबाव देने लगा। जिसके बाद पीड़ित वसंत ने जगजीतपुर पुलिस चौकी को लिखित शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस प्रकरण की जानकारी करने में लगी है।