पूर्व सीएम हरीश रावत के तरकश में तीरों की भरमार, अब किस को बोला मगरमच्छ




नवीन चौहान
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी है। उनके तरकश में एक से बढ़कर एक तीर है। वो तीर अपने विरोधियों पर छोड़ते रहते है। चाहे वो उनकी पार्टी का हो या विपक्षी पार्टियों का। हाल ही उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेता पर जबरर्दस्त तीर चलाकर बैकफुट पर ला दिया। अब एक बार फिर उन्होंने तीर छोड़ा है। ये तीर जहरीली शराब प्रकरण के बाद छोड़ा गया है। इस बार निशाना सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर साधा है। उन्होंने कहा कि छोटी मछलियों को मारने से कुछ नहीं होगा। जो मगरमच्छ है और जो तंत्र में भी मगरमच्छ है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ये तीर उस वक्त छोड़ा गया है जब उत्तराखंड में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।


उत्तराखंड की सियासत में कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता हरीश रावत माने जाते है। विधानसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव हारने के बाद भी हरीश रावत का कद कांग्रेस में कम होने की वजाय बढ़ा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनको महासचिव बनाया गया है। वह लगातार कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कार्य कर रहे है। वही दूसरी ओर अपने कार्यक्षेत्र उत्तराखंड में भी सक्रिय है। हरीश रावत अपने फेसबुक पेज के माध्यम से जनता के बीच में है और विरोधियों पर लगातार हमले कर रहे है। अभी हाल ही मे बाहरी और भीतरी की बहस पर उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं को करारा जबाव दिया। हरिद्वार जनपद से ताल्लुक रखने वाले एक नेता की बोलती बंद कर दी और उसके कुख्यात संजीव जीवा और सुशील मूंछ से संबंधों को सार्वजनिक कर हरिद्वार में सियासी माहौल गरमा दिया। ये मामला सुर्खियों में चल ही रहा था कि हरिद्वार में जहरीली शराब के सेवन से मरने वाले परिवारों के बीच हरीश रावत पहुंच गए। हरीश रावत ने जहां पीडि़तों की सहानुभूति बटोरने के लिए उत्तराखंड सरकार से मुआवजे की राशि को पांच लाख देने की मांग की तथा पीडि़तों को सरकारी नौकरी देने की आवाज भी बुलंद कर दी। इसी के साथ हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में इशारों में इस कृत्य को करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है।



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