नवीन चौहान
उत्तराखंड में शराब तस्कर बेखौफ हो चले हैं। दो दर्जन बेगुनाहों की बलि लेने के बाद भी इन तस्करों को प्रशासन का कोई खौफ नजर नही आ रहा हैं। तस्कर अवैध शराब की सप्लाई करने पर आमादा हैं। हालांकि यूपी और उत्तराखंड पुलिस ने इन शराब तस्करों पर कहर बरपाया हुआ हैं। पुलिस तस्करों को ढूंढ—ढूंढकर शराब बरामद कर रही है और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही हैं।
यूपी और उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से करीब 60 से अधिक लोगों की मौत के हो चुकी हैं। जबकि सैंकड़ों लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे है। इस घटना ने यूपी और उत्तराखंड की सरकार को झकझोर कर रख दिया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों को दो—दो लाख देने की घोषणा की। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मृतकों को दो—दो लाख और घायलों को 50—50 हजार की धनराशि देने की घोषणा की। इस घटना के बाद हरिद्वार जनपद प्रशासन और पुलिस ने शराब तस्करों पर नजरे तिरछी कर ली। डीएम दीपक रावत और एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने शराब तस्करों के पीछे पूरी पुलिस छोड़ दी। जनपद के सभी थानों की पुलिस शराब तस्करों को दबोचने में लगी है। पुलिस की इतनी सख्ती के बावजूद तस्कर अवैध शराब की सप्लाई करने पर आमादा है। बीती रात रानीपुर कोतवाली पुलिस ने 116 पेटी देशी शराब बरामद की। जबकि शराब पकड़ने और तस्करों को जेल भेजने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। काश जिला प्रशासन मीडिया की खबर का संज्ञान लेकर शराब तस्करों पर पहले ही कार्रवाई करता तो इन बेगुनाहों की जान नही जाती। खैर देर आए दुरस्त आए। प्रशासन को अब मादक पदार्थो की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि घटना की पुनरावृत्ति ना हो। फिर किसी गरीब परिवार में मौत का मातम ना हो।