शिशु के स्वास्थय संरक्षण के लिए मां का दूध सर्वोत्तम उपायः डा. रीना




नवीन चौहान
वर्तमान में शिशुओं में अतिसार, कास, एलर्जी आदि शरीरिक व ऑटिस्म जैसे मानसिक रोगों में वृद्धि हो रही है। इन सभी रोगों का मुख्य कारण शिशु को माता का स्तनपान न कराना है।
यह कहना है ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज की बाल रोग विशेषज्ञ डा. रीना पाण्डेय का। स्वर्ण प्राशसन दिवस के अवसर पर शनिवार को डा. पाण्डेय ने बताया कि शिशु को स्तनपान कराने से शिशु का न बल्कि पोषण होता है, बल्कि उसमें व्याधियों से लड़ने की क्षमता भी मिलती है। जो किसी अन्य दूध से प्राप्त नहीं होती। कहाकि स्तनपान ऑटिज्य जैसी बिमारियों को दूर करने में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि आज स्वर्ण प्राशन में 260 बच्चों को स्वर्णप्राशन की बूंदें पिलाई गईं। बताया कि स्वर्णप्राशन की खुराक एक से 16 वर्ष के बच्चे का प्रत्येक माह पुष्य नक्षत्र पड़ने पर पिलाई जाती है। जिससे बच्चा तंदरूस्त रहता है तथा उसकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ उसका मानसिक विकास भी अन्य बच्चों की अपेक्षा कई गुणा तेजी से होता है। बताया कि शिशु को स्तनपान कराने को बढ़ावा देने के लिए प्रति वर्ष अगस्त के प्रथम सप्ताह में अन्तराष्ट्रीय ब्रेस्ट वीक का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में ऋषिकुल चिकित्सालय परिसर में परिसर निदेशक डा. सुनील कुमार जोशी के संरक्षण में बाल रोग विभाग विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन 1 से 7 अगस्त तक करने जा रहा है। बताया कि स्वस्थ शिशु स्वस्थ भारत के उद्देश्य को लेकर यह आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कार्यक्रम की समाप्ति पर हेल्दी बेबी विद मदर सेल्फी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें प्रथम आने वाले पांच शिशुओं और उनकी माताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *