dps school में बच्चों की प्रस्तुति पर झूम उठे निर्णायक मंडल, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, डीपीएस रानीपुर हरिद्वार के जूनियर विंग में पाश्चात्य नृत्य तथा भारतीय लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन दिनॉंक 27 दिसंबर 2017 को स्कूल के प्रांगण में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें सभी सदनों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बच्चों के मुख से भारतीय संस्कृति की खुशबू लिए कर्णप्रिय लोकगीत सुनकर अभिभावक झूम उठे तो दूसरी ओर पाश्चात्य नृत्य की प्रस्तुतियों ने सभी को अभिभूत कर दिया।DSC_0288
कार्यक्रम का शुभारंभ डीपीएस रानीपुर के छात्रों की मधुर स्वागत गीत प्रस्तुति द्वारा किया गया। गीत प्रतियोगिता में गढ़वाली लोकगीत ‘ताछुमा…..ताछुमा’, राजिस्थानी लोकगीत ‘म्हारो हेलो सुनो रामापीर जी’, भोजपुरी लोकगीत ‘फगुनवा में रंग रज-रज बरसे’, मराठी लोकगीत ‘मी हाई कोली सुरलिया डोली न मुम्बई च्किनारे’ पंजाबी लोकगीत ‘रंगला पंजाब’ तथा हरियाणवी लोकगीत ‘पानी लावा, मैं घूम-घूमकर देखूँगी सारा हरियाणा’ प्रस्तुत किए गए। DSC_0213
नृत्य प्रतियोगिता में सभी सदनों को एक-एक वस्तु पंख, छाता, तितली, कपड़ा, पंखा तथा टोपी दी गई जिन्हें लेकर उन्हांने अद्भुत पाश्चात्य समूह नृत्य प्रस्तुत किए। अँधेरे में चमकती तितलियाँ, छातें तथा डरावने शिकारी नृत्य अत्यंत मनमोहक थे। नृत्य प्रतियोगिता का निर्णय करुणा चौहान, आरती सोमानी, डीपीएस की अध्यापिका अनुपमा श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि बच्चों ने इतना उच्चकोटि का प्रदर्शन किया है कि उनके लिए निर्णय लेना अत्यंत कठिन हो रहा था। DSC_0311
गायन प्रतियोगिता में निर्णायक मण्डल में हरिद्वार के जाने-माने संगीतज्ञ जो 2008 से प्रयाग संगीत समिती से जुड़े हुए हैं, सुनील मुखर्जी, प्री-प्राइमरी की विंग प्रभारी सुमन रॉय, डीपीएस की अध्यापिका कोमल छाबड़ा सम्मिलित थीं।कार्यक्रम में छात्रों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों व सहपाठ्यक्रम गतिविधियों के विजेताओं को तथा शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार वितरित किए गए।
प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे- लोकगीत प्रतियोगिता में पंजाबी लोकगीत ने प्रथम स्थान पर कब्ज़ा किया। दूसरे स्थान पर मराठी लोकगीत, तीसरे पर हरियाणवी, चौथे पर राजिस्थानी, पाँचवे पर गढ़वाली तथा भोजपुरी छठे स्थान पर रहा।DSC_0297
नृत्य प्रतियोगिता में डरावने नृत्य ने सबको डराकर भी प्रथम स्थान पर बाजी मार ली। छाता नृत्य दूसरे स्थान पर, चुलबुला टोपी नृत्य तृतीय, एलइडी लगी चमकती तितलियाँ चौथे स्थान पर तथा पंख नृत्य पाँचवे व चीनी पंखा नृत्य छठे स्थान पर रहा।
डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य के सी पाण्डेय ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन वर्धन करते हुए बच्चां की प्रस्तुतियां की सराहना की। उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में पठन पाठन, खेल कूद एवं गायन एवं नृत्य कला एवं साहित्य सभी आवश्यक हैं परन्तु जो सबसे अधिक आवश्य है वह हैं उनमें नैतिकता, आदर्श, व्यवहारिकता एवं अपनी लोक संस्कृति के ज्ञान की बुनियाद को मजबूत और सुदृढ़ बनाना और हम सभी को मिलकर इस दायित्व को धैर्य एवं ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए।DSC_0213
कार्यक्रम की संयोजिका एवं जूनियर विंग की हेडमिस्ट्रेस अंजला कालरा ने सभी का आभार व्यक्त करते सभी को कार्यक्रम के सफल आयोजन में सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उपप्रधानाचार्य नमिता जौहरी, एवं पविंदर सिंह, मुख्यअध्यापिका मिडिल मंजीत कौर, प्राइमरी विंग मुख्यअध्यापिका आरती बाटला तथा डीपीएस के अनेक अभिभावक उपस्थित रहे।



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