नवीन चौहान
हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुहिम के चलते इस बार प्रदेश के साथ हरिद्वार जनपद में डेंगू के डंक का असर बेअसर रहा। जबकि अक्तूबर महीने तक करीब 600 मरीजों के मामले हो जाते थे, लेकिन इस बार मात्र 56 लोगों को ही डेंगू का डंक लग सका। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने प्रत्येक विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी लगाई और सभी की मॉनिटरिंग कराई।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि अभियान से जुड़े लोगों को डेंगू के लार्वा के स्रोत और डेंगू के लार्वा को नष्ट करने तथा आवश्यक रसायन एवं कीटनाशक के बारे में लगातार जानकारी दी जाती रही। जिसमें सभी समस्त आवासीय क्षेत्रों, कबाड़ की दुकानों, धर्मशालाओं, होटलों, कार्यालयों तथा इन स्थानों पर रखे गए फ्रिज, कूलर, गमलों, ट्यूब-टायर, अन्य अनावश्यक वस्तुओं आदि में विशेष ध्यान केंद्रित कराया गया। खासकर डेंगू पाॅजिटिव पाये गए व्यक्तियों के निवास स्थलों में, जनपद के समस्त नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत के नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत के सहयोग से सक्रिय रूप से जन-जागरूकता सहित छिड़काव का अभियान चलाया गया और समस्त स्थानों पर लार्वा नष्ट किया गया।
वृहद कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्थानों में छिड़काव, लार्वा नष्ट करना तथा प्रचार प्रसार का कार्य किया गया। सिडकुल के साथ तमाम औद्योगिक क्षेत्रों की इकाईयों में जनजागरण व लार्वा नष्ट करने व कीटनाशक छिड़काव का कार्य किया गया।
नगर निगमों के वार्डों में आवास, डेरी, मंदिर, सैलून, दुकान, मेडिकल स्टोर, स्कूल आदि का निरीक्षण किया गया, जिसमें निरीक्षण के दौरान लार्वा मिलने पर नष्ट्र कराया। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि डेंगू का लार्वा पनपने की सम्भावित जगहों पर कीटनाशक छिड़काव तथा जन-जागरूकता अभियान चलाकर सभी ने मिशन के रूप में जिलाधिकारी के आदेशों का पालन किया, ताकि जनपद को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्त किया जा सके।
अस्पतालों की नहीं हो सकी कमाई
डेंगू के मरीज आने पर अस्पतालों में इलाज के बदले में मरीजों केा अच्छी खासी रकम खर्च पड़ती थी, लेकिन इस बार डेंगू के न फैलने से लोगों को बड़ी राहत रही है। हालांकि इससे अस्पतालों को गाढ़ी कमाई नहीं हो सकी।