डीएम स्वाति भदौरिया ने प्राकृतिक आपदा की तैयारियों का लिया जायजा




नवीन चौहान
डीएम स्वाति एस भदौरिया प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से संवेदनशील चमोली जनपद की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने गोपेश्वर में माक ड्रिल कराकर आपदा प्रबंधन की टीम और पुलिस की चुस्ती फुर्ती को दुरस्त ​किया। डीएम ने इंसीडैण्ट रेस्पोंस सिस्टम (आईआरएस) के स्वतः सक्रिय होने तथा सिस्टम में पूर्व निर्धारित दायित्वों के निर्वहन का भी जायजा लिया।
माक ड्रिल की तैयारियों को परखने के लिए गोपेश्वर एवं उसके आसपास में भारी वर्षा की सूचना दी गई। सूचना प्राप्त होने पर डीएम/रिस्पोंसबिल आफिसर स्वाति एस भदौरिया एवं एसपी/डिप्टी रिस्पांसबिल अफसर व आईआरएस से जुडे अधिकारी तत्काल आपदा नियंत्रण केन्द्र पहुुंचे। वहीं आपदा कन्ट्रोल रूम से वारलैस के माध्यम से स्पोटर्स स्टेडियम में बने स्टैजिंग एरिया में सभी अधिकारियों को अलर्ट किया गया तथा स्टेजिंग एरिया मैनेजर को आवश्यक सामग्री के साथ रेस्क्यू टीमें तैयार रखने के निर्देश दिये।
डीएम स्वाति एस भदौरिया ने गोपेश्वर नगर के नजदीक के क्षेत्रों में भारी वर्षा होने के कारण आपरेशन सैक्शन, प्लानिंग सैक्शन एवं लाॅजिस्टिक सैक्शन चीफ के अधिकारियों के साथ जनपद की स्थिति की समीक्षा की गई और एसडीएम/स्टेजिंग एरिया मैनेजर को वारलैस के माध्यम से स्टेजिंग एरिया में पहुुंचने के निर्देश दिये गये। कुछ ही समय पश्चात सभी रेस्क्यू टीमें घटना स्थलों पर पहुॅची तथा रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया गया।
रिसपोंन्सिबिल आफिसर/जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने रेस्क्यू टीमों को ब्रीफिंग किया तथा उनके अनुभवों को जाना। उन्होंने कहा कि चमोली जनपद आपदाओं की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील तथा भूकम्प की दृष्टि से जोन 5 में है। जबकि मानसून अवधि में भारी वर्षा एवं अतिवृष्टि के चलते जनधन को होने वाले नुकसान से बचने के लिये यह माॅक ड्रिल मददगार साबित होगा। डीएम ने कहा ​कि उपलब्ध संशाधनों की मैपिंग सही ढंग से की जानी चाहिए। उन्होंने रिसपोंन्स टाइम को कम करने तथा माॅक अभ्यास की कमियों को ठीक करने तथा सभी को अपनी ड्यूटी की पूरी जानकारी रखते हुए वास्तविक दैवीय आपदा में प्रभावी ढंग से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जब दैवीय आपदा आये तो संबंधित क्षेत्र में हैल्थ कैम्प लगें, स्कूलों की एक चाबी संबंधित ग्राम प्रधान के पास रखने, क्षेत्रों के टैक्सी यूनियनों में उपलब्ध वाहन व उनके दूरभाष नम्बर भी आपदा प्रबन्धन विभाग के पास उपलब्ध रहने चाहिए।



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