सोनी चौहान
जिलाधिकारी सविन बंसल विकास कार्यों के साथ-साथ जन स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान देते है। डीएम सविन बंसल ने बीडी पाण्डे चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को दुरस्त करने का काम किया। जिसके कारण बीडी पाण्डे चिकित्सालय में ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
बेस चिकित्सालय हल्द्वानी की तरह अब बीडी पाण्डे चिकित्सालय में सभी प्रकार की जाॅचें पैथोलोजी लैब में सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक होंगी। पैथोलोजी लैब के लिए सविन बंसल ने दो अतिरिक्त तकनीशियन उपलब्ध करा दिये हैं। वर्ष 2011 से चिकित्सालय में डम्प पड़ी 55 लाख की धनराशि की जानकारी डीएम ने शासन को दी थी। डीएम की रिपोर्ट पर डम्प पड़ी सस्पेंस धनराशि 55 लाख रूपये को जन स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए जिलाधिकारी को आवंटित कर दी थी।
जिलाधिकारी बंसल ने बताया कि अस्पताल के मरीजों के लिए शौचालय मरम्मत, सीवरेज से प्रभावित आपरेशन थियेटर व एक्स-रे रूम का अस्पताल के जन औषधि केन्द्र के पास शिफ्ट करने के लिए धनराशि कार्यदायी संस्था आरडब्ल्यूडी को आवंटित कर दी गयी है। अस्पताल में मरीजों के लिए बैंच लगाने एवं शैड बनवाने की स्वीकृति भी दी गयी है। कुछ समय पहले आए जिलाधिकारी ने जब पहला मुआयना किया, अस्पताल के लेखा सम्बन्धी अखिलेख आधे अधूरे तथा अस्त-व्यस्त मिले, वहीं अस्पताल की व्यवस्थाएं भी बेपटरी मिली। लेखा सम्बन्धी अखिलेखों व व्यवस्थाओं को दुरस्त करने के लिए अपर जिलाधिकारी व मुख्य कोषाधिकारी ने कई बार चिकित्सालय का संयुक्त निरीक्षण किया। मुख्य कोषाधिकारी की रिपोर्ट पर सर्व प्रथम पुराने सीए(चार्टड एकाउंटेंट को) हटा कर नए सीए की तैनाती की गयी। इस वित्तीय गड़बड़ी के चलते न तो अस्पताल को शासन से कोई ग्राण्ट नहीं मिल पा रही थी। जिसके चलते अस्पताल की सफाई, भोजन व्यवस्था एवं आवश्यक दवाईयों की खरीद प्रभावित थी। डीएम की कड़ी मेहनत के बाद अस्पताल के अस्त व्यवस्था का अभिलेखों को पूरा करने का काम पूरा कर लिया गया है।
डीएम बंसल ने कहा कि अब फार्मेसी में सभी प्रकार की दवाईयाॅ उपलब्ध हैं। डाॅक्टरों को बाहर की दवाईयाॅ लिखने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। अगर कोई डाॅक्टर इसके बावजूद भी बाहर से दवाईयाॅ लिखेंगे तो उन्हें दण्डित भी किया जायेंगा।
जिलाधिकारी की पहल एवं उनके प्रभावी अनुश्रवण के कारण बीडी पाण्डे चिकित्सालय में सभी प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध कराये गये है। अस्पताल से मरीजों को रेफर करने का स्पष्ट कारण पंजिका में अंकित करना होगा। इसकी हिदायत डीएम अपने पिछले निरीक्षण में चिकित्सालय को दे चुके हैं।
जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल वरदान से कम नहीं हैं। यदि इन अस्पतालों की व्यवस्था ठीक कर दी जायें तो गरीबों को राहत मिल पायेंगी। वहीं सरकारी अस्पतालों की सार्थकता एवं उपयोगिता भी बढ़ेगी। इस दिशा में डीएम बंसल के सतत प्रयास जारी हैं।