हरिद्वार। गाजीवाली निवासी ग्रामीणों ने बिना मजदूरी किये उनके मनरेगा बैंक खातों में रकम आने की शिकायत जिलाधिकारी दीपक रावत से की। शिकायत पर पहले जिलाधिकारी ने ग्रामीणोें से पूरी जानकारी ली, जिसमें ग्रामीणों ने डीएम को अवगत कराते हुए बताया कि मनरेगा के अंतर्गत खुले उनके बैंक खातों मे सात से नौ हजार रूप्ये तक की रकम आ रही है, जबकि इस बार मनरेगा में तटबंध बनाने का कार्य उनके द्वारा किया ही नहीं गया है। ग्रामीणों ने बताया कि 2013-2014 में आपदा सुरक्षा योजना के अंतर्गत तटबंध बनाया गया था जिसका भुगतान हो चुका है।
पूर मामला जानने के लिए जिलाधिकारी गाजीवाली ग्राम प्रधान से पूछताछ करने गांव के पंचायत घर पहुंचे। जहां ग्रामीण एकत्र थे। जिलाधिकारी ने मनरेगा 2016-2017 के मजदूरों के मस्टररोल व जाॅब कार्ड आदि का निरीक्षण किया जिसमें पाया कि मस्टररोल में दर्ज अधिकांश लोगांे के केवल नाम दर्ज हैं लेकिन मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने योजना में काम करने से साफ इंकार कर दिया। बाकी दर्ज नाम स्थानीय लोगों के नहीं पाये थे। इस फर्जीवाड़े से नाराज डीएम ने वीडीओ और ग्राम प्रधान को 2016-2017 में किये गये कार्यों को दिखाने को कहा और ग्रामीणों को साथ लेकर भौतिक निरीक्षण पर पहुंचे।
बाढ़ से सुरक्षा हेतु बनाये गये तटबंधों के बारे में जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से पूछा कि ये उनके द्वारा मजदूरी कर बनाये गये तो इस पर भी ग्रामीणों ने इंकार कर दिया। ग्रामीणों बताया कि क्षेत्र के एक प्रभावी और शासन में उंचे पद पर तैनात व्यक्ति के रिश्तेदार के दबाव में आकर वीडीओ तथा ग्राम प्रधान ने 45 लाख के कार्य मनरेगा 2016-017 के मस्टररोल में दर्शा दिये हंै। जबकि यह तटबंध कुमार धर्म कांटा के स्वामी अजय कुमार ने स्वयं बनवाये और उस खर्च की भरपाई के लिए मनरेगा 2016-2017 का पैसा सामग्री सप्लायर और निजि मजदूरों के खातों में डालकर वसूल किया जा रहा है। उक्त व्यक्ति के खेतों को बचाने के लिए गाजीवाली में तटबंध बनाये गये और सामग्री तथा लेबर खर्च मनरेगा से वहन किया गया।
जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद वीडीओ के चार्जशीट दाखिल करते हुए संस्पेड करने के आदेश जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र चैहान को दिये। वहीं ग्राम प्रधान के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई किये जाने के आदेश दिये। वीडीओ ने जिलाधिकारी को बताया कि उच्च अधिकारियों के दबाव में इन सब कार्यों में उनके द्वारा हस्ताक्षर किये गये। इस पर डीएम ने वीडीओ को चार्जशीट का जवाब देते हुए उसमें उन सभी नामों का उल्लेख किये जाने की बात कही जिनके दबाव में सरकारी पैसे से व्यक्ति विशेष के काम करवाये गये।