नवीन चौहान
जिलाधिकारी दीपक रावत ने बीएचईएल हरिद्वार की निर्माण इकाई का औचक निरीक्षण करने के दौरान बड़ा गोलमाल पकड़ा। डीएम दीपक रावत ने निरीक्षण में इलेक्ट्रो प्लेटिंग में पौटेशियम साइनाइट का प्रयोग होते पाया गया। प्लांट में 165 किग्रा पोटेशियम मौके पर पाया गया। फैक्ट्री में इस रसायन के प्रयोग को वर्ष 2017 में ही राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रतिबंधित किया जा चुका है। जिसके बाद डीएम दीपक रावत ने प्लांट में इलेक्ट्रो प्लेट के निर्माण हेतु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्वीकृति प्राप्त करने के दास्तावेजों का भी अवलोकन किया, जिसमें पाया गया कि स्वीकृति प्राप्त करने में पोटेशियम साइनायट के प्रयोग किया जायेगा ये जानकारी पीसीबी से छुपायी गयी है, इस रसायन का नाम आवेदन में नहीं खोला गया।
कम्पनी के इस कानून उलंघन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने लाइसेंस एक्सापयर होने, साथ ही पौटेशियम साइनाइट से जो इलेक्ट्रो प्लेटिंग में अपनायी जा रही प्रक्रिया को संेटर पाॅल्यूशन कंट्रोल ने प्रतिबंधित के बावजूद अपनाये जाने पर जिलाधिकारी 165 किग्रा पोटेशियम के स्टाॅक को सील किया गया।
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने निरीक्षण में पाया कि अलग-अलग यूनिट के वेस्ट मटिरियल को डिस्पोज करने के सही तरीके का पालन नही किया जा रहा है। जो खतरनाक रसायनिक पदार्थ रिसाइक्ल नहीं किये जा सकते हैं उन्हें भी सामान्य वेस्ट के साथ जमा किया जा रहा हैै। वेस्टेज के सही निस्तारण पर भी नाराजगी व्यक्त की।