डीएम सी रविशंकर का दर्द ना जाने कोय, नेता बोले फोन ना उठाए




नवीन चौहान
हरिद्वार की जनता को कोरोना कोविड—19 के प्रकोप से सुरक्षित बचाने के लिए हरिद्वार के कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी सी रविशंकर अपना एक—एक क्षण बेहतर कार्ययोजना बनाने में लगे है। प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को निर्देश दे रहे है। भूखी—प्यासी गरीब जनता को खाद्य सामग्री भिजवाने में लगे है। मीडिया से मिली जनता की समस्याओं का संज्ञान लेकर उसका निस्तारण कराने में लगे है। आपदा के दौरान जनहानि ना हो इसके लिए अस्पतालों की व्यवस्थाओं को पूर्ण करने में जुटे है। डीएम 24 घंटे आन लाइन होकर हर समस्या को निस्तारण करा रहे है। ऐसे में प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज की बैठक में नेताओं के द्वारा अधिकारियों के फोन ना उठाने की शिकायत खुद में सवाल खड़े कर रही है।

आईएएस सी रविशंकार ने कुछ माह पूर्व ही हरिद्वार के जिलाधिकारी की कुर्सी के दायित्व को संभाला। हरिद्वार की भौगोलिक स्थिति को समझा और क्षेत्रों का विकास करने का खाका तैयार किया। हरिद्वार का सर्वागीण करने का विजन लेकर आगे बढ़ रहे डीएम को सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस से निबटने की मिल गई। हालांकि इस वायरस का प्रकोप पूरे विश्व में फैला है। लेकिन हरिद्वार की जनता को इस वायरस से सु​रक्षित बचाने की जिम्मेदारी हरिद्वार के सबसे बड़े अधिकारी अर्थात जिलाधिकारी सी रविशंकर पर है। जिलाधिकारी को केंद्र सरकार की एडवायजरी, राज्य सरकार के निर्देशों का सुनिश्चित पालन कराना है। वही जनपद की कानून व्यवस्था भी दुरस्त रखनी है। इस भयंकर आपदा की घड़ी में तमाम सीमित संसाधनों के बावजूद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए कुशल प्रशासक के दायित्वों का निर्वहन किया। जनता की प्राथमिकताओं को देखते हुए आदेश जारी किए। हरिद्वार जिला प्रशासन की पूरी टीम को पूरी मुस्तैदी के साथ अलर्ट रहने के निर्देश दिए। डीएम सी रविशंकर ने प्रशासनिक अधिकारियों को संवेदनशीलता दिखाते हुए जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते सख्ती करने की हिदायत भी दी।

लेकिन सबसे मजेदार बात ये है प्रेम नगर आश्रम में केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों के फोन पर बिजी होने को बड़ी समस्या बताया। जबकि किसी जनप्रतिनिधि ने प्रशासनिक अधिकारियों के अभी तक के कार्यो की सराहना नही की। हरिद्वार के प्रशासनिक अधिकारियों की ये वो टीम है जो हरिद्वार में खौफनाक मंजर को रोकने के लिए खुद की नींद उड़ाए हुए है। डीएम सी ​रविशंकर खुद भीतर से बैचेन है। हरिद्वार में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ा तो इस स्थिति को कैसे संभाला जायेगा। कहां अस्पताल होंगे। लेकिन सबसे चिंताजनक बात ये है किसी विधायक ने कोरोना के मरीजों के लिए अस्पताल और उनके इलाज की व्यवस्थाओं में जानने की जिज्ञासा नही रखी। अगर विधायकों की समस्या थी तो डीएम और उनके अधिकारी फोन नही क्यो नही उठाते।

हालांकि डीएम सी रविशंकर ने विधायकों की इस समस्या का निस्तारण भी बैठक में कर दिया और बता दिया कि फोन उठाने के लिए बाकायदा सभी विभागों से नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए है। जो समन्वय बनाकर कार्य कर रहे है। वह खुद सभी से संपर्क में रहते है।
बताते चले कि हरिद्वार में लाक डाउन को सफल बनाना आसान नही था। यहां पर सिडकुल की कंपियों के बंद होते ही लाखों की संख्या में लोग किराए के घरों में बंद होकर रह गए। उनके सामने रोटी का संकट उत्पन्न हो गया। लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए कमोवेश सभी को भोजन उपलब्ध कराया। कोरोना की गंभीर स्थिति में फोन ना उठाने की बात हजम नही हो पा रही है।



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