डीजी एलओ अशोक कुमार की मुहिम “आपरेशन मुक्ति” सफल, बच्चे पहुंचे स्कूल




नवीन चौहान
पुलिस महानिदेशक एलओ अशोक कुमार की मुहिम “आपरेशन मुक्ति” के तहत उत्तराखंड पुलिस
गरीब बच्चों का भविष्य संवारने की कोशिश में जुटी है। इस आप्रेशन को सफल बनाने के लिए पुलिस की टीम ने लगातार दो माह तक बस्तियों, झुग्गी झोपड़ियों, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी के आसपास के इलाकों में जाकर भिक्षावृति में संलिप्त बच्चों को चिंहित किया। जिसके बाद उन बच्चों को शिक्षित करने और उनके परिवारों का पुर्नवास करने की दिशा में पहल की। दो माह के भीतर आप्रेशन मुक्ति की टीम ने करीब 292 बच्चों को चिंहित किया। जिसमें से 67 बच्चों का एडमिशन स्कूल में करा दिया गया है। पुलिस के इस प्रयास की सराहना की जा रही है।

पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने जनपद देहरादून में गरीब अनाथ बच्चों का भविष्य संवारने के लिए “आपरेशन मुक्ति” शुरू किया था। एसएसपी ​देहरादून निवेदिता कुकरेती के निर्देशन पर इस मुहिम को सफल बनाने का कार्य शुरू किया गया। जिसके बाद सीओ सिटी शेखर चंद्र सुयाल ने आप्रेशन मुक्ति का नो​डल अधिकारी नियुक्त किया गया। सीओ सिटी शेखर चंद्र सुयाल ने आप्रेशन मुक्ति को सफल बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई। पुलिस टीम में शामिल 4 उप निरीक्षक राकेश भटट, विनीता चौहान, पम्मी गौतम, बबलू चौहान और 15 कांस्टेबलों की टीम को चार जोन में बांटा गया। आप्रेशन मुक्ति के नोडल अधिकारी सीओ शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि चार जोन में विभक्त की गई टीम की कमान एक उप निरीक्षक को दी गई। जिसमें कांस्टेबल शामिल रहे। पहले 15 दिन पुलिस टीम ने अलग—अलग इलाकों में जाकर सर्वे अर्थात चिंहित करने का कार्य किया। जिसके बाद आर्थिक तौर पर कमजोर भिक्षावृत्ति में संलिप्त इन परिवारों को जागरूक करने का कार्य किया गया। पुलिस टीम ने विंदाल पुल, रायपुर थाने के पीछे, आईएसबीटी के पीछे ढोलक बस्ती, परेड ग्राउंड से कूड़ा बीनने वाले, गुब्बारा बेचने वाले बच्चों को चिंहित किया। जिसके बाद इन बच्चों में से 67 बच्चों को भिन्न-भिन्न स्कूलों में एडमिशन दिलवाया गया। 42 बच्चे, जिनकी परिवारिक आर्थिक स्थिति अत्यन्त खराब होने के कारण उन्हें आर्थिक सहायता दिलाये जाने हेतु बाल कल्याण अधिकार संरक्षण आयोग उत्तराखण्ड को रिपोर्ट प्रेषित की गयी है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने की मुलाकात
आप्रेशन मुक्ति के तहत 67 एडमिशन कराए गए बच्चों से एसएसपी निवेदिता कुकरेती की मुलाकात हुई। एसएसपी ने बच्चो को टी- शर्ट वितरित की तथा शिक्षा के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में एसएसपी ने बच्चों को कहा कि शिक्षा का आज के जीवन में अत्याधिक महत्व है। आप सभी शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात ही योग्य व्यक्ति बनकर सम्मान जनक पद प्राप्त कर सकते है, इसके लिये जरूरी है कि आप सभी अपने माता- पिता को भी बतायें कि हमें अब काम नही करना है, केवल पढाई करनी है। शुरुआत में आप सभी को काफी समस्याएँ आयेगी परन्तु आपको हिम्मत नही हारनी है। आपको पढ़ लिखकर समाज में आगे बढ़ना है। बच्चों ने भी एसएसपी का ताली बजाकर सम्मान किया।

गर्मी की छुट्टी में थानों में कराई पढ़ाई
आप्रेशन मुक्ति के तहत चिंहित किए गए 67 बच्चों को पुलिस थानों में ही पढ़ाई कराई गई। गर्मी की छुटटी होने के चलते स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को स्कूल जाने से पूर्व संस्कारों की सीख दी गईै बच्चों को नमस्ते और बेसिक ज्ञान दिया गया। पुलिस के दरोगा मास्टरजी बनकर बच्चों को पढ़ाते नजर आए।
पुलिस ने तीन को भेजा भिक्षु गृह
पुलिस के लाख समझाने के बाद भी बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने की जिदद पर अड़े तीन लोगों को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। डालानवाला थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपियों को हरिद्वार के भिक्षुगृह भेज दिया गया है।
परिवारों का पुर्नवास करने का प्रयास
बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। भारत की 70 सालों की सरकार गरीबी को दूर नही कर पाई। गरीबी के साथ ही भिक्षावृत्ति अपने आप में एक पेशा बन गया। भिक्षावृत्ति से हटाकर गरीबों के बच्चों को शि​क्षित करना और उनके पुर्नवास की व्यवस्था करना एक असंभव सा ​लेकिन संभव होने वाले कार्य को मित्र पुलिस अंजाम देने में जुटी है।
हरिद्वार पुलिस ने भी किया अनूठा काम
जनपद हरिद्वार के तत्कालीन एसएसपी कृष्ण कुमार वीके के निर्देशों पर हरकी पैड़ी के आसपास भिक्षा मांगने वाले करीब तीन दर्जन से अधिक बच्चों को शिक्षित करने का कार्य पुलिस ने किया था। तत्कालीन एसएसपी के निर्देशों पर तत्कालीन एसपी सिटी ममता वोहरा ने मेला नियंत्ररण भवन में ही बच्चों को पढ़ाने का कार्य शुरू किया। इसके अलावा कई बच्चों को स्कूल भेजा तथा उनके परिवारों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का कार्य भी किया।



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