नवीन चौहान
मेलाधिकारी दीपक रावत को जिनसे सबसे प्यार है वो पेड़ पौंधे है। पेड़ पौधों को कोई तकलीफ नही होनी चाहिए। पेड़ों के प्रति उनके प्रेम की झलक गंगा घाटों का निरीक्षण करने के दौरान भी दिखाई दी। जब हरिद्वार के महाकुंभ पर्व 2021 की तैयारियों को लेकर मेलाधिकारी दीपक रावत स्नानघाट निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद अन्य घाटों के लिए स्थान चिंहित करने गए थे। तो अचानक पेड़ों की खूबसूरती को देखकर वह ठहर गए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पेड़ों की खूबसूरती को बरकरार रखते हुए घाटों का निर्माण करने के निर्देश दिए। जिसके बाद अधिकारियों ने धार्मिक नगरी के पेड़ों की खूबसूरती को बरकरार रखते हुए गंगा घाट के निर्माण करने के योजना बनाई है।
मेलाधिकारी दीपक रावत को जिनसे सबसे प्यार है वो पेड़ पौंधे है। पेड़ पौधों को कोई तकलीफ नही होनी चाहिए। पेड़ों के प्रति उनके प्रेम की झलक गंगा घाटों का निरीक्षण करने के दौरान भी दिखाई दी। जब हरिद्वार के महाकुंभ पर्व 2021 की तैयारियों को लेकर मेलाधिकारी दीपक रावत स्नानघाट निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद अन्य घाटों के लिए स्थान चिंहित करने गए थे। तो अचानक पेड़ों की खूबसूरती को देखकर वह ठहर गए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पेड़ों की खूबसूरती को बरकरार रखते हुए घाटों का निर्माण करने के निर्देश दिए। जिसके बाद अधिकारियों ने धार्मिक नगरी के पेड़ों की खूबसूरती को बरकरार रखते हुए गंगा घाट के निर्माण करने के योजना बनाई है।
महाकुंभ पर्व 2021 में हरकी पैड़ी पर भीड़ के दबाव को कम किये जाने के दृष्टिगत विभिन्न स्थलों पर गंगा घाट का निर्माण किया जाना है। जिसके चलते मेलाधिकारी दीपक रावत प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे। मेलाधिकारी दीपक रावत ने डाम कोठी के डाउन स्ट्रीम में अवशेष जगह घाट का निर्माण कार्य , कनखल, दक्षेश्वर द्वीप के डाउन स्ट्रीम घाट में अवशेष जगह घाट का निर्माण कार्य एवं बैरागी कैम्प के डाउन स्ट्रीम में अवशेष जगह घाट का निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि औचित्यपूर्ण एवं गुणवत्ता युक्त कार्य किया जाए एवं प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता बरती जाए। निरीक्षण के दौरान मीडिया से बात करते हुए मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि औचित्य एवं सुविधा के दृष्टि से गंग नहर के दोनों दिशा में घाट निर्माण के लिए, सौन्दर्यीकरण, विस्तारीकरण एवं नवीनीकरण के बिन्दुओं को ध्यान में रखकर यह निरीक्षण किया गया। कांवड़ पटरी गंग नहर के बायें तरफ घाट निर्माण की सम्भावना की जांच की गई। जनघनत्व, उन स्थलों जहाँ अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं एवं अधिक संख्या में आश्रम-अखाड़ा स्थल पर, घाट निर्माण किया जायेगा। इस दौरान अपर मेलाधिकारी ललित नारायण मिश्रा, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह, उप मेलाधिकारी गोपाल चौहान, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता पुरूषोत्तम, अधिशासी अभियन्ता आरईएस अंकित सैनी भी मौजूद थे।